रिपोर्टर: अंकुर पांडे
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भूटान के प्रधानमंत्री दासो शेरिंग तोबगे शुक्रवार सुबह अयोध्या पहुंचे। इस चार घंटे के दौरे के दौरान उन्होंने रामलला के दर्शन किए और राम मंदिर परिसर का अवलोकन किया।
यह यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत-भूटान के कूटनीतिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती देने वाली है।
दौरे की मुख्य बातें:
- प्रधानमंत्री तोबगे का विमान सुबह 9:30 बजे महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा।
- उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने उनका भव्य स्वागत किया।
- रामलला दर्शन के अलावा उन्होंने हनुमानगढ़ी और अयोध्या के अन्य प्रमुख मंदिरों का भी पूजन-अर्चन किया।
- दौरे के बाद प्रधानमंत्री तोबगे दोपहर 1:30 बजे दिल्ली रवाना होंगे।
सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
प्रधानमंत्री तोबगे की यात्रा को देखते हुए अयोध्या में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए:
- ATS, STF, PAC, CRPF, SSF और सिविल पुलिस के जवान तैनात।
- राम मंदिर जाने वाली एक लेन को आम लोगों के लिए अस्थायी रूप से बंद किया गया।
- जिला प्रशासन द्वारा उनके सम्मान में विशेष भोज का आयोजन किया गया।
सांस्कृतिक जुड़ाव और भारत-भूटान संबंधों का महत्व

यह दौरा सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और कूटनीतिक दृष्टि से भी बेहद खास है।
- भारत और भूटान के संबंधों की नींव 1865 की सिनचुला संधि से रखी गई थी।
- चीन के प्रभाव को देखते हुए भूटान भारत के लिए सामरिक दृष्टि से अहम है।
- भूटान के बौद्ध धर्मावलंबियों और भारत की सनातनी परंपराओं के बीच यह यात्रा सांस्कृतिक पुल का काम करेगी।
रणनीतिक महत्व
- यह यात्रा उत्तर-पूर्वी भारत जैसे असम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तर बंगाल क्षेत्रों में भारत की सामरिक स्थिति को मजबूत करेगी।
- भारत-भूटान के बीच व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी यह दौरा नई ऊंचाइयां देगा।
- प्रधानमंत्री तोबगे का यह दौरा उनके बिहार प्रवास के बाद हो रहा है, जो भारत-भूटान मित्रता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम है।
भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे का अयोध्या दौरा धार्मिक आस्था, सांस्कृतिक जुड़ाव और कूटनीतिक रिश्तों का प्रतीक है।
रामलला के दर्शन से यह यात्रा भारत-भूटान संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाएगी, साथ ही दोनों देशों की दोस्ती और रणनीतिक सहयोग को नई दिशा देगी।