भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राष्ट्रीय ध्वज (तिरंगा) जलाए जाने का मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में देखा जा सकता है कि कचरे के ढेर पर कई तिरंगे जल रहे हैं। इस घटना को लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने जताई नाराज़गी
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के स्थानीय नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल और भाजपा की वार्ड-50 की पार्षद सुषमा बाबिशा ने शाहपुरा पुलिस थाने में पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
नगर निगम पर लगा लापरवाही का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता विवेक त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि यह घटना वार्ड 50 स्थित नगर निगम के कचरा डंपिंग स्थल पर हुई, जहां नियमित रूप से कचरा जलाया जाता है। उन्होंने दावा किया कि लापरवाही नगर निगम कर्मियों की ही है, जिसके कारण राष्ट्रीय ध्वज जलाए गए।
पुलिस ने शुरू की जांच, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे
शाहपुरा थाना पुलिस के उपनिरीक्षक हरीश गुजरबोस ने बताया,
“हमें तिरंगा जलाए जाने की दो शिकायतें मिली हैं। इलाके के CCTV कैमरों की फुटेज खंगाली जा रही है ताकि दोषियों की पहचान की जा सके।”
फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है और जल्द ही दोषियों को पकड़ने का भरोसा दिया है।
सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा
घटना का वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने नाराज़गी जताई। कई लोगों ने इसे ‘राष्ट्रीय अस्मिता का अपमान’ बताया और दोषियों पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
क्यों अहम है यह मामला?
भारत में तिरंगे का अपमान एक गंभीर अपराध है। ‘फ्लैग कोड ऑफ इंडिया’ के तहत राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। ऐसे में तिरंगे को कचरे में फेंकना या जलाना न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि देशभक्ति की भावना को ठेस पहुंचाना भी है।
इस मामले से जुड़े प्रमुख बिंदु:
- घटना भोपाल के वार्ड-50 स्थित कचरा डंपिंग स्थल की है।
- तिरंगे जलाए जाने का वीडियो हुआ वायरल।
- कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने पुलिस में की शिकायत।
- नगर निगम कर्मियों पर लापरवाही का आरोप।
- पुलिस ने जांच शुरू की, CCTV फुटेज खंगाले जा रहे।
- सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई नाराज़गी।
ऐसे मामलों में क्या सज़ा हो सकती है?
भारतीय कानून के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। इसमें जुर्माना, गिरफ्तारी और कुछ मामलों में जेल की सज़ा भी शामिल है।
निष्कर्ष
भोपाल की यह घटना न केवल कानून के लिहाज़ से गंभीर है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय प्रतीकों के प्रति जागरूकता और जिम्मेदारी पर भी सवाल उठाती है। अब देखना होगा कि पुलिस जांच में क्या सामने आता है और दोषियों पर क्या कार्रवाई होती है।
लोगों से अपील:
अगर आपके आस-पास कहीं तिरंगे का अपमान होता दिखाई दे तो तुरंत स्थानीय प्रशासन या पुलिस को सूचित करें। राष्ट्र का सम्मान हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है।