क्या हुआ भोपाल में?
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। दो युवकों, फरहान और साहिल, पर आरोप है कि उन्होंने एक निजी इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं को निशाना बनाया, उनके साथ बलात्कार किया, और फिर निजी वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया। इतना ही नहीं, इन आरोपियों ने कथित तौर पर छात्राओं को धर्म परिवर्तन और शादी के लिए मजबूर करने की कोशिश की। इस मामले ने अजमेर रेप केस की यादें ताजा कर दीं, जहां भी ऐसी ही संगठित अपराध की घटनाएं सामने आई थीं।

कैसे शुरू हुआ यह मामला?
इस घटना का खुलासा तब हुआ जब एक 19 साल की छात्रा ने साहस दिखाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज की। उसने बताया कि उसका कॉलेज का दोस्त फरहान, जिसे वह भरोसेमंद समझती थी, ने उसका यौन शोषण किया और निजी वीडियो बनाए। इन वीडियो का इस्तेमाल कर उसने छात्रा को ब्लैकमेल किया और उसकी सहेलियों को भी अपने जाल में फंसाने के लिए मजबूर किया। फरहान ने अपने दोस्त साहिल के साथ मिलकर इस घिनौने अपराध को अंजाम दिया।
पुलिस की जांच में पता चला कि पीड़िताओं में एक नाबालिग भी शामिल है। दोनों आरोपियों ने अपनी असली पहचान छिपाकर छात्राओं से दोस्ती की थी। पुलिस ने आरोपियों के फोन से कई आपत्तिजनक वीडियो बरामद किए हैं, जिससे और पीड़िताओं और संदिग्धों की पहचान हो सकती है।
पुलिस का एक्शन और जांच
भोपाल पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए फरहान और साहिल को गिरफ्तार कर लिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। पुलिस ने POCSO एक्ट, आईटी एक्ट, भारतीय न्याय संहिता (BNS), और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत तीन जीरो FIR दर्ज की हैं।
भोपाल के पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा ने कहा, “हमें कुछ शिकायतें मिली थीं, जिनके आधार पर FIR दर्ज की गई। तीन अलग-अलग शिकायतकर्ता सामने आए हैं। दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। SIT इस मामले की गहन जांच कर रही है। प्रथम दृष्टया यह बलात्कार का मामला है, और एक पीड़िता उस समय नाबालिग थी, इसलिए POCSO एक्ट के तहत भी कार्रवाई की जा रही है।”
क्यों है यह मामला इतना गंभीर?
यह मामला सिर्फ एक अपराध की घटना नहीं है, बल्कि यह समाज में गहरे बैठे कुछ मुद्दों को उजागर करता है:
- संगठित अपराध: पुलिस को शक है कि यह एक सिस्टमैटिक तरीके से काम करने वाला गिरोह हो सकता है, जो कई कॉलेजों में छात्राओं को निशाना बना रहा है।
- सामाजिक डर: कई पीड़िताएं सामाजिक बदनामी और डर की वजह से सामने नहीं आ रही हैं। पुलिस ने ऐसी छात्राओं को काउंसलिंग और सुरक्षा का भरोसा दिया है।
- शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा: यह घटना कॉलेजों में छात्राओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती है। क्या हमारे शिक्षण संस्थान अपने छात्रों को सुरक्षित माहौल दे पा रहे हैं?