भिंड। मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में एक धार्मिक आयोजन के दौरान प्रसाद में दिए गए मालपुए खाने से 70 से ज्यादा लोग अचानक बीमार हो गए। मामला जिले के बरोही थाना क्षेत्र के अम्लेहड़ी गांव का है, जहां सोमवार को एक बच्चे के जन्मदिन पर कन्या पूजन और भोज का आयोजन किया गया था।
आयोजन में बांटे गए मालपुए बने बीमारी की वजह
गांव निवासी राधाकृष्ण तोमर ने अपने एक साल के बेटे शौर्य के जन्मदिन पर पूजा और कन्या भोज का आयोजन किया था। इसके बाद गांव में सभी लोगों को प्रसाद स्वरूप मालपुए बांटे गए। लेकिन कुछ ही घंटों में कई लोगों को पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायतें शुरू हो गईं।
70 से ज्यादा लोग अस्पताल में भर्ती, घी में मिलावट की आशंका
स्थानीय लोगों के मुताबिक, शाम होते-होते करीब 70 से ज्यादा लोग बीमार हो गए। तुरंत सभी को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां प्राथमिक उपचार के बाद कई लोगों को छुट्टी दे दी गई, हालांकि कुछ लोग अब भी इलाजरत हैं।
घटना की सूचना मिलते ही जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जेएस यादव अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। उन्होंने बताया कि पहली नजर में यह मामला मिलावटी घी के कारण फूड पॉइजनिंग का लग रहा है। मौके से मालपुए, पूड़े और घी के सैंपल लैब टेस्ट के लिए भेज दिए गए हैं।
गांव में तीन दिन तक लगेगा स्वास्थ्य शिविर
डॉ. यादव ने बताया कि ऐहतियातन गांव में अगले तीन दिनों तक स्वास्थ्य शिविर लगाया जाएगा। उन्होंने भरोसा दिलाया कि लैब रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी तरह की मिलावट की पुष्टि होती है, तो जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
बड़ी घटना टली, हालात अब काबू में
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, फिलहाल सभी मरीज खतरे से बाहर हैं। अधिकांश लोगों को इलाज के बाद घर भेज दिया गया है। अगर समय रहते स्वास्थ्य अमला सक्रिय नहीं होता, तो स्थिति गंभीर हो सकती थी।
घटना से जुड़ी अहम बातें:
- अम्लेहड़ी गांव में सोमवार को पूजा आयोजन
- प्रसाद में मालपुए खाने से 70 से ज्यादा लोग बीमार
- पेट दर्द, उल्टी और दस्त की शिकायतें
- जिला अस्पताल में इलाज जारी
- घी और अन्य खाद्य सामग्री के सैंपल जांच के लिए भेजे गए
- स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में कैंप लगा रही है
नकली घी से जुड़ी बढ़ती घटनाएं चिंताजनक
पिछले कुछ महीनों में मध्य प्रदेश समेत देश के अन्य हिस्सों से भी मिलावटी घी और खाद्य पदार्थों के मामले सामने आ चुके हैं। इससे न केवल लोगों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है, बल्कि खाद्य सुरक्षा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को चाहिए कि मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं पर रोक लग सके।