कुवैत सिटी, 26 मई 2025 — भारतीय संसद का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिसका नेतृत्व भाजपा सांसद बैजयंत जयंत पांडा कर रहे हैं, 26 मई को कुवैत पहुंचा। यह प्रतिनिधिमंडल भारत के आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता) के संदेश को वैश्विक मंच पर मजबूती से प्रस्तुत करने के लिए आया है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत की यह कूटनीतिक पहल और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
प्रतिनिधिमंडल की प्रमुख बातें
- यह प्रतिनिधिमंडल पहले बहरीन में भी कूटनीतिक बैठकें कर चुका है।
- भारत के कुवैत में राजदूत आदर्श स्वैका ने इस प्रतिनिधिमंडल का हवाई अड्डे पर स्वागत किया।
- प्रतिनिधिमंडल में शामिल मुख्य सदस्य हैं:
- असदुद्दीन ओवैसी (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के नेता)
- गुलाम नबी आजाद (पूर्व केंद्रीय मंत्री)
- रेखा शर्मा (पूर्व राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष एवं राज्यसभा सदस्य)
- हर्षवर्धन श्रिंगला (पूर्व विदेश सचिव एवं भारत के पूर्व दूत)
कुवैत में यात्रा का उद्देश्य: आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कूटनीति
इस दौरान प्रतिनिधिमंडल कुवैत के:
- वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों
- नागरिक समाज के प्रभावशाली व्यक्तियों
- थिंक टैंक और मीडिया के साथ बातचीत करेगा
- कुवैत में रहने वाले भारतीय प्रवासी समुदाय से भी मुलाकात होगी
इन मुलाकातों का उद्देश्य भारत की आतंकवाद के प्रति सख्त नीति को स्पष्ट रूप से साझा करना और वैश्विक समुदाय में इसके प्रति जागरूकता बढ़ाना है।
बहरीन में हुई बैठकों का सार
प्रतिनिधिमंडल ने बहरीन के उपप्रधानमंत्री शेख खालिद बिन अब्दुल्ला अल खलीफा को भारत पर हो रहे सीमा पार आतंकवाद के खतरे और भारत की कड़ी कार्रवाई के बारे में जानकारी दी।
साथ ही, बहरीन की शूरा काउंसिल के अध्यक्ष अली बिन सालेह अल सालेह से भी मुलाकात कर दोनों देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
बढ़ती भारत-पाक तनाव की पृष्ठभूमि
यह प्रतिनिधिमंडल पहलगाम हमले के बाद बढ़े हुए भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच आया है।
- 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी।
- भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान-प्रशासित कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर ऑपरेशन सिंदूर के तहत सटीक सैन्य कार्रवाई की।
- पाकिस्तान ने 8, 9 और 10 मई को भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया।
- 10 मई को दोनों पक्षों के सैन्य संचालन के निदेशकों के बीच हुई बातचीत के बाद सीमावर्ती तनाव कम हो गया।
भारत का वैश्विक आतंकवाद विरोधी प्रयास
यह प्रतिनिधिमंडल भारत की कूटनीतिक रणनीति का हिस्सा है, जिसमें:
- सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल 33 विश्व राजधानियों का दौरा कर रहे हैं।
- पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने के दावों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना।
- आतंकवाद के खिलाफ भारत के कड़े रुख को वैश्विक समर्थन दिलाना।
भारत और वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्व
भारत की यह पहल दर्शाती है कि वह:
- आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने में दृढ़ संकल्पित है।
- मध्य पूर्व के महत्वपूर्ण देशों जैसे कुवैत और बहरीन के साथ रिश्ते मजबूत कर रहा है।
- दक्षिण एशिया और विश्व में स्थिरता और शांति सुनिश्चित करने के लिए आतंकवाद का सख्ती से मुकाबला करना चाहता है।
निष्कर्ष
- भाजपा सांसद बैजयंत जयंत पांडा के नेतृत्व में भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल कुवैत पहुंचा।
- प्रतिनिधिमंडल का मकसद भारत की आतंकवाद के खिलाफ सख्त नीति को वैश्विक स्तर पर मजबूती देना है।
- यह पहल हाल के पहलगाम हमले और भारत-पाक तनाव के बीच हो रही है।
- भारत के 33 वैश्विक राजधानियों में चल रहे सात प्रतिनिधिमंडलों के जरिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से समर्थन जुटाने का प्रयास है।
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