
Mohit Jain
देशभर में आज भाई-बहन के स्नेह का पर्व भाई दूज 2025 मनाया जा रहा है। इस वर्ष यह पर्व 23 अक्टूबर को उदया तिथि में पड़ रहा है। पंचांग के अनुसार कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर की रात 8:17 बजे से शुरू होकर 23 अक्टूबर की रात 10:47 बजे तक रहेगी। परंपरा के अनुसार भाई दूज का पर्व हमेशा उदया तिथि में मनाना शुभ माना जाता है।
तिलक का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार भाई दूज पर तिलक करने का सर्वोत्तम समय दोपहर 12:05 से 2:54 बजे तक रहेगा। इस दौरान 12:05 से 1:30 बजे तक ‘शुभ चौघड़िया’ और 1:30 से 2:54 बजे तक ‘अमृत चौघड़िया’ रहेगी। अमृत चौघड़िया को सबसे फलदायी और सौभाग्यवर्धक माना गया है। इस समय मुहूर्त में भाई को तिलक करने से उसके जीवन में दीर्घायु, समृद्धि और सुख-शांति की वृद्धि होती है।
पूजा-विधि
भाई दूज पर पूजा और तिलक का कार्य सुबह नहीं बल्कि दोपहर के समय करना शुभ माना गया है। इस दिन बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक कर आरती उतारती हैं, मिठाई खिलाकर उनके दीर्घ जीवन और सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
अंगूठे से तिलक करने का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाई को तिलक हमेशा अंगूठे से लगाना चाहिए। प्राचीन काल में राजाओं और योद्धाओं को युद्ध पर जाने से पहले अंगूठे से ही तिलक लगाया जाता था। अंगूठा वायु और अग्नि तत्व का प्रतिनिधि माना जाता है। अंगूठे से तिलक करने पर सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है और भाई के भाग्य में सौभाग्य और उन्नति आती है।
भाई दूज पर भाई भी अपनी बहनों को उपहार देकर उनके सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद देते हैं। यह त्योहार भारत में भाई दूज, भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया जैसे कई नामों से जाना जाता है।
इस वर्ष भी भाई-बहन अपने घरों में मिलकर तिलक, मिठाई और उपहारों के माध्यम से अपने रिश्ते को मजबूत करेंगे और भाई-बहन के अनमोल बंधन को और भी गहरा बनाएंगे।