उत्तर प्रदेश के बरेली में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पेट दर्द की समस्या से जूझ रही युवती का ऑपरेशन हुआ तो आमाशय से दो किलो बालों का गुच्छा निकला। जिला अस्पताल में युवती को ऑपरेशन हुआ था। हालत सुधरने पर शुक्रवार को उसे छुट्टी दे दी गई। काउंसलिंग के दौरान पता चला कि वह ट्राइकोलोटोमेनिया नामक मनोरोग की चपेट में हैं।
सुभाषनगर करगैना निवासी 31 वर्षीय युवती को पांच साल से पेट दर्द की तकलीफ थी। परिजनों के मुताबिक उन्होंने निजी अस्पतालों के चक्कर काटे। दो लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए पर समाधान नहीं हो सका। आखिर में वो जिला अस्पताल पहुंचे। फिजिशियन को दिखाने पर उन्होंने सीटी स्कैन कराने का सुझाव दिया। तीन सौ बेड अस्पताल में निशुल्क जांच की गई। आमाशय में गुच्छे जैसी चीज नजर आई। 22 सितंबर को चिकित्सकों ने उसे अस्पताल में भर्ती किया। 26 सितंबर को ऑपरेशन कर दो किलो बालों का गुच्छा पेट से निकाला गया।
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16 वर्ष की उम्र में ही खाने लगी थी बाल
मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार के मुताबिक मनोरोग का पता चलने पर उसकी काउंसलिंग की गई। युवती ने बताया कि 16 वर्ष की उम्र में वह बाल खाने लगी थी। बीते 15 वर्षों से पेट में बाल इकट्ठा होकर गुच्छा बन गया था। डॉक्टर के मुताबिक ट्राइकोलोटोमेनिया मनोरोग से पीड़ित व्यक्ति अपने सिर के बाल नोचकर खाता है। फिलहाल, कुछ माह तक उसकी काउंसलिंग जारी रहेगी। परिजन को भी निगरानी के लिए कहा है।
इससे पहले इस तरह की सर्जरी का रिकॉर्ड नहीं
एडी एसआईसी डॉ. अलका शर्मा के मुताबिक जिला अस्पताल में ट्राइकोलोटोमेनिया पीड़ित किसी व्यक्ति की सर्जरी इससे पूर्व कब हुई थी, इसका रिकॉर्ड नहीं है, पर बीते 25 वर्षों में ऐसा मामला सामने नहीं आया। डॉक्टरों के पैनल में वरिष्ठ सर्जन डॉ. एमपी सिंह, डॉ. अंजली सोनी, डॉ. मुग्धा शर्मा, स्टाफ नर्स भावना, मनोचिकित्सक डॉ. आशीष कुमार, डॉ. प्रज्ञा माहेश्वरी शामिल रहीं।