राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में स्थित संगमेश्वर महादेव मंदिर इन दिनों पूरी तरह पानी से घिरा हुआ है। लगातार बारिश और बढ़ते जलस्तर के कारण मंदिर का अधिकांश हिस्सा जलमग्न हो चुका है। यहां स्थापित शिवलिंग भी पानी के नीचे डूबा हुआ है।
इसके बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था कम नहीं हुई। सोमवार को बड़ी संख्या में भक्त नाव के जरिए मंदिर पहुंचे और छत पर खड़े होकर भगवान शिव की आरती की। इस दौरान मंदिर का दृश्य बेहद अद्भुत नजर आया, जिसके वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
तीन नदियों के संगम पर बसा प्राचीन मंदिर
संगमेश्वर महादेव मंदिर बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिले की सीमा पर गुजरात बॉर्डर के पास स्थित है।
यह मंदिर तीन नदियों:
- माही नदी
- अनास नदी
- जाखम नदी
के संगम पर बना है। लगभग 200 साल पुराना यह मंदिर धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
- स्थान: बेडुआ गांव, तलहटी क्षेत्र
- दूरी: आनंदपुरी (बांसवाड़ा) से 5 किमी, चीखली (डूंगरपुर) से 3 किमी
साल में आठ महीने पानी में डूबा रहता है मंदिर
संगमेश्वर महादेव मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह साल में करीब 8 महीने तक पानी में डूबा रहता है।
दरअसल, यह इलाका माही नदी पर बने बांध के डूब क्षेत्र में आता है।
- जब पानी का स्तर 400 फीट से कम हो जाता है, तब यहां सामान्य दर्शन संभव हो पाते हैं।
- सावन के महीने में श्रद्धालु नाव से पहुंचकर भोलेनाथ के दर्शन करते हैं।
#WATCH | Banswara, Rajasthan: The water level in the river of Banswara district rises due to heavy rainfall. Sangameshwar Temple submerges in the floodwater. Devotees climb to the top of the temple for the aarti. pic.twitter.com/0PFsyQ2z2U
— ANI (@ANI) August 25, 2025
राजस्थान में भारी बारिश का कहर
इस समय राजस्थान के कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
- जयपुर: दो दिन के लिए सभी स्कूल-कॉलेज बंद।
- जालोर: चांदना गांव नदियों से घिरकर टापू बना, जिला मुख्यालय से संपर्क कटा।
- उदयपुर: कई गांव जलमग्न, संपर्क टूटा।
- सीकर: भारी बारिश से पुलिस चौकी और वाहन डूबे।
- झालावाड़: गागरोन में कालीसिंध नदी की पुलिया पर कार बह गई, दो शव मिले, दो लोग लापता।
आस्था और संकट साथ-साथ
भारी बारिश और बाढ़ जैसी स्थिति के बावजूद श्रद्धालु नाव से संगमेश्वर महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना कर रहे हैं। यह नजारा राजस्थान में आस्था की गहराई और भक्ति की अडिग शक्ति को दर्शाता है।