रिपोर्ट- सुनील कुमार ठाकुर
बलरामपुर – छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है। जनमन योजना के तहत बनी करीब 4 करोड़ रुपये की लागत वाली गोविंदपुर गांव की सड़क महज 2 महीने में ही बर्बाद हो गई है।
6 किलोमीटर लंबी इस सड़क पर जगह-जगह बड़े-बड़े गड्ढे नजर आ रहे हैं, जिससे लोगों को आवागमन में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
पेच रिपेयरिंग के नाम पर गिट्टी डालकर की खानापूरी
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सड़क बनने के कुछ ही हफ्तों बाद उस पर दरारें और गड्ढे उभरने लगे।
ठेकेदार द्वारा पेचवर्क के नाम पर महज़ गिट्टी डालकर लीपापोती की गई, जिससे समस्या और गंभीर हो गई।
अब बरसात के मौसम में सड़क खतरनाक हालात में पहुंच गई है।
ग्रामीणों ने लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
नाराज़ ग्रामीणों ने निर्माण एजेंसी और ठेकेदार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
उनका कहना है कि घटिया सामग्री और लापरवाही से सड़क इतनी जल्दी खराब हुई है।
“सड़क बनने के दो महीने भी नहीं हुए और हालत ऐसी हो गई कि अब पैदल चलना भी मुश्किल है,”
एक ग्रामीण ने मीडिया से कहा।
SDM ने दिया जांच का आश्वासन
इस पूरे मामले पर बलरामपुर SDM ने संज्ञान लिया है और कहा है:
“सड़क निर्माण में गड़बड़ी की शिकायत गंभीर है। जांच के आदेश दिए गए हैं और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
जनता की मांग – तत्काल सुधार और कार्रवाई
ग्रामीणों ने मांग की है कि:
- निर्माण कार्य की स्वतंत्र जांच करवाई जाए।
- ठेकेदार को ब्लैकलिस्ट किया जाए।
- सड़क की मरम्मत तुरंत शुरू हो।
- भविष्य में निर्माण कार्यों की सख्त निगरानी और क्वालिटी चेक अनिवार्य हो।