अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी
बालोद पुलिस ने एक अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझाते हुए टीचर बरखा वाशनिक हत्याकांड में चौंकाने वाला खुलासा किया है। प्रारंभ में इसे एक सामान्य सड़क दुर्घटना माना गया था, लेकिन गहराई से की गई जांच में यह मामला एक पूर्व नियोजित हत्या निकला, जिसमें पति शीशपाल वाशनिक और उसके सहयोगी की संलिप्तता उजागर हुई है।
हत्या को सड़क हादसे का रूप देने की कोशिश
घटना 22 मार्च की है, जब दल्लीराजहरा थाना क्षेत्र के हितकसा गांव के पास एक सड़क दुर्घटना में स्कूटी सवार टीचर बरखा वाशनिक की मौत की खबर आई। शुरुआत में पुलिस को यही लगा कि किसी अज्ञात वाहन ने बरखा को टक्कर मार दी और वह मौके पर ही दम तोड़ बैठी। लेकिन मृतका के मायके पक्ष द्वारा हत्या की आशंका जताने और दुबारा जांच की मांग करने पर पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया।
हत्यारा निकला पति, लोहे की रॉड से की थी निर्मम हत्या
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि विद्युत विभाग में सहायक अभियंता पदस्थ शीशपाल वाशनिक, जो नशे का आदी था और पत्नी से लगातार पारिवारिक विवाद में रहता था, ने ही इस खौफनाक वारदात को अंजाम दिया। उसने अपने सहयोगी कयामुद्दीन को 60 हजार रुपये देकर हत्या में शामिल किया।
घटना वाले दिन जब बरखा स्कूटी से जा रही थी, तब दोनों ने बोलेरो से उसे टक्कर मारी, जिससे वह गिर गई। इसके बाद शीशपाल ने बोलेरो में रखे लोहे के रॉड से ताबड़तोड़ हमला कर पत्नी की हत्या कर दी।
यूट्यूब से सीखा हत्या का तरीका
सबसे चौंकाने वाला तथ्य यह है कि आरोपी पति ने यूट्यूब से हत्या करने के तरीके और पुलिस जांच से कैसे बचा जाए, यह सब पहले ही सीख रखा था। हत्याकांड को अंजाम देने के दिन शीशपाल ने अपना मोबाइल भिलाई ऑफिस के कर्मचारी के पास छोड़ दिया और बोलेरो की नंबर प्लेट हटाकर बालोद आया। ताकि पुलिस उसकी मौजूदगी सिद्ध न कर सके।
दो महीने की जांच के बाद खुला राज
बालोद पुलिस ने लगातार दो महीनों की जांच के बाद आखिरकार सच्चाई उजागर की और आरोपी पति शीशपाल वाशनिक एवं उसके सहयोगी कयामुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब दोनों आरोपियों के खिलाफ हत्या की धारा में आगे की कार्रवाई कर रही है।
यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि गहराई से की गई जांच और तकनीकी सबूतों के माध्यम से अपराध कितने भी योजनाबद्ध क्यों न हों, उनका पर्दाफाश संभव है।