अयोध्या में जमीन खरीदना अब पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो गया है। 8 सालों बाद सर्किल रेट में करीब 200 फीसदी की वृद्धि की गई है। यह निर्णय जिले में तेजी से बढ़ते भूमि बाजार मूल्य और शहरी विकास को देखते हुए लिया गया है।
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राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में जमीन की डिमांड में उछालक्या होता है सर्किल रेट?किस इलाक़े में कितना बढ़ा सर्किल रेट?तिहुरा मांझा गांवतिहुरा उपरहारशाहनवाजपुर माझाबरहटा माझागंजा गांव (एयरपोर्ट के पास)प्रशासन का क्या कहना है?किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रियाटाउनशिप और अधिग्रहण से जुड़ा बड़ा प्लानअयोध्या क्यों बना निवेश का हॉटस्पॉट?निवेशकों और खरीदारों दोनों के लिए जरूरी अपडेट
राम मंदिर निर्माण के बाद अयोध्या में जमीन की डिमांड में उछाल
- 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन और 5 जून को राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या में बड़ी संख्या में लोग रहने और निवेश के लिए आ रहे हैं।
- अयोध्या अब सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि एक तेजी से उभरता लिविंग डेस्टिनेशन बनता जा रहा है।
क्या होता है सर्किल रेट?
सर्किल रेट वह न्यूनतम मूल्य होता है जिस पर किसी संपत्ति की रजिस्ट्री की जाती है।
इसी के आधार पर स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्री शुल्क तय किया जाता है।
किस इलाक़े में कितना बढ़ा सर्किल रेट?
तिहुरा मांझा गांव
- पहले: ₹11 लाख – ₹23 लाख प्रति हेक्टेयर
- अब: ₹33 लाख – ₹69 लाख प्रति हेक्टेयर
तिहुरा उपरहार
- पहले: ₹32 लाख – ₹71 लाख
- अब: ₹42 लाख – ₹95 लाख प्रति हेक्टेयर
शाहनवाजपुर माझा
- पहले: ₹75 लाख – ₹169 लाख
- अब: ₹98 लाख – ₹221 लाख प्रति हेक्टेयर
बरहटा माझा
- पहले: ₹75 लाख – ₹169 लाख
- अब: ₹98 लाख – ₹221 लाख प्रति हेक्टेयर
गंजा गांव (एयरपोर्ट के पास)
- पहले: ₹28 लाख – ₹64 लाख
- अब: ₹35 लाख – ₹80 लाख प्रति हेक्टेयर
प्रशासन का क्या कहना है?
अयोध्या के डीएम निखिल टी. फुंडे ने बताया:
- यह वृद्धि बाजार मूल्य और जनता की प्रतिक्रिया के आधार पर तय की गई है।
- अगस्त 2023 में प्रस्ताव भेजा गया था और आपत्तियों के बाद निर्णय को अंतिम रूप दिया गया।
किसानों की मिली-जुली प्रतिक्रिया
कुछ किसानों का कहना है कि:
- 200% वृद्धि पर्याप्त नहीं है, खासकर राम जन्मभूमि से 10 किमी के दायरे में।
- वे कोर्ट में इस मामले को ले गए हैं क्योंकि उन्हें अयोध्या के विकास से कोई खास आर्थिक लाभ नहीं मिला।
टाउनशिप और अधिग्रहण से जुड़ा बड़ा प्लान
- यूपी हाउसिंग बोर्ड ने 1800 एकड़ में टाउनशिप विकसित करने की योजना बनाई है।
- अब तक 600 एकड़ जमीन का अधिग्रहण तिहुरा मांझा, बरहटा माझा और शाहनवाज पुर माझा में हो चुका है।
अयोध्या क्यों बना निवेश का हॉटस्पॉट?
- राम मंदिर का बनना
- बेहतर कनेक्टिविटी और नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स
- धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से बढ़ती संभावनाएं
निवेशकों और खरीदारों दोनों के लिए जरूरी अपडेट
अगर आप अयोध्या में संपत्ति खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है। नए सर्किल रेट लागू हो चुके हैं, और अब जमीन खरीदने में ज्यादा लागत लगेगी। साथ ही, इन बदलावों से भविष्य में रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है।