BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर के घाटीगांव क्षेत्र में स्थित वनखंडी आश्रम में गुरुवार देर रात सनसनीखेज वारदात हुई। तीन नकाबपोश बदमाश आश्रम में घुस आए और वहां मौजूद दो संतों को लोहे के सरिए और डंडों से बुरी तरह पीटा। इसके बाद बदमाश 50 हजार रुपये नकद, एक लैपटॉप, दो मोबाइल फोन और एक कार लेकर फरार हो गए।
घटना का विवरण
यह वारदात गुरुवार रात करीब 10 बजे शिवपुरी लिंक रोड (आगरा-मुंबई हाईवे) पर स्थित वनखंडी आश्रम में हुई, जहां प्रयागराज के मौज गिरी आश्रम से आए संत शिवानंद गिरी और सतीशानंद गिरी गुरु पूर्णिमा के कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे थे।
इसी दौरान तीन नकाबपोश बदमाश आश्रम में घुसे और संतों पर अचानक हमला कर दिया। बाबा शिवानंद गिरी के सिर पर सरिए से हमला किया गया, जबकि उनके साथी सतीशानंद गिरी को गंभीर चोटें आईं और उनका हाथ फ्रैक्चर हो गया। दोनों संतों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या-क्या लूटा गया?
- ₹50,000 नकद
- एक लैपटॉप
- दो मोबाइल फोन
- हुंडई ओरा कार (UP85 CH-3555)
बदमाश संत का ट्रॉली बैग लेकर फरार हुए, जिसमें ये सभी सामान रखा हुआ था।
पुलिस की कार्रवाई
घटना की सूचना मिलते ही घाटीगांव थाना पुलिस मौके पर पहुंची। तुरंत ही शहर और ग्रामीण इलाकों में नाकेबंदी कर दी गई। शुक्रवार सुबह लूटी गई कार बहोड़ापुर क्षेत्र के एबी रोड पर लावारिस हालत में मिली। पुलिस को आशंका है कि घेराबंदी की भनक लगते ही आरोपी कार छोड़कर भाग निकले।
संत की गवाही
संत शिवानंद गिरी ने बताया कि हमलावरों में से एक का चेहरा खुला हुआ था, जिसे वे पहचान सकते हैं। उन्होंने कहा, “गुरु पूर्णिमा की तैयारियों के लिए जो राशि जुटाई थी, वही बदमाश लेकर भाग गए।”
संदर्भ में अन्य घटना
इससे पहले नीमच जिले के सिंगोली में भी जैन मुनियों पर इसी तरह का हमला हुआ था। 14 मार्च की रात छह बदमाशों ने विश्राम कर रहे तीन जैन मुनियों पर लाठी और धारदार हथियारों से हमला किया था। दो आरोपियों को मौके पर ही पकड़ लिया गया था और बाद में पुलिस ने आरोपियों का जुलूस भी निकाला था।