हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं। अब इंतजार कुछ समय का और बाकी है। जब तय होगा कि आखिर दोनों राज्यों में सरकार किसकी बन रही है।हरियाणा में पिछले 10 सालों से बीजेपी की सरकार है, तो कांग्रेस सत्ता में वापसी की ताल ठोक रही है, वहीं जम्मू-कश्मीर में 10 सालों के बाद चुनाव हुए हैं और धारा 370 समाप्त होने और केंद्रशासित राज्य घोषित होने के बाद यह पहला चुनाव था। यहां कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एकजुट होकर चुनाव लड़ा। बीजेपी और पीडीपी ने भी चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंकी है। अब एग्जिट पोल के रिजल्ट से कांग्रेस के हौसले बुलंद हैं।
दोनों राज्यों में 90 सीट, बहुमत का आंकड़ा 46
हरियाणा में 10 साल बाद सत्ता वापसी के अनुमान लगाये गए हैं, जम्मू-कश्मीर में गठबंधन को 40 सीटें मिलने का अनुमान है और भाजपा को 30 सीटें मिलने का अनुमान है। एग्जिट पोल का अनुमान है कि पीडीपी और अन्य को 10-10 सीटें मिलेंगी और वह किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है। हालांकि ये केवल अनुमान ही हैं, परिणाम आठ अक्टूबर को ही सामने आएंगे।
किन मुद्दों ने किया सियासी खेल
बात दोनों ही राज्यों के सियासी समीकरणों की करें तो पार्टी ने सत्ता विरोधी लहर और किसानों के गुस्से को मात देने की कोशिश में मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सैनी को राज्य का सीएम बनाया, लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों को देखें तो यह भी नाकाम होता दिख रहा है। अग्निवीर भर्ती योजना और हरियाणा में तीन कृषि बिलों ने किसानों और युवाओं पर अच्छा प्रभाव नहीं डाला है। तो वहीं जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद चुनाव हुए हैं। यहां भी कांग्रेस और नेश्नल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर चुनाव लड़ा तो वहीं भाजपा ने धारा 370 पर भरोसा जताया। और दावा जीत का किया। अब जीत के दावे और जनता से किए वादे किस पार्टी को सत्ता के सिंहासन तक पहुंचाते हैं। ये कल पता चल ही जाएगा।