अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCom) एक बार फिर चर्चा में हैं। बैंक ऑफ इंडिया ने कंपनी के लोन खाते को फ्रॉड घोषित किया है। इससे पहले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया भी यही कदम उठा चुका है। बैंकों का आरोप है कि RCom ने हजारों करोड़ रुपये के लोन का गलत इस्तेमाल किया और फंड्स को इधर-उधर डायवर्ट किया।
बैंक ऑफ इंडिया का बड़ा कदम
- बैंक ऑफ इंडिया ने RCom के 700 करोड़ रुपये के लोन को धोखाधड़ी बताया है।
- बैंक की फाइलिंग में कहा गया कि इस रकम का इस्तेमाल निर्धारित उद्देश्यों की जगह गलत तरीके से किया गया।
- आरोप है कि फंड्स को दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया गया।
- बैंक ने अपने पत्र में अनिल अंबानी (पूर्व निदेशक व प्रमोटर) और मंजरी अशोक कक्कड़ (पूर्व निदेशक) का नाम भी शामिल किया।
मामला 2016 से जुड़ा
यह पूरा विवाद 2016 में दिए गए लोन से जुड़ा है। बैंक का कहना है कि RCom के शीर्ष प्रबंधन ने फंड का दुरुपयोग किया। यही कारण है कि अब अनिल अंबानी का नाम भी इस फ्रॉड केस में लिया जा रहा है।
CBI की कार्रवाई
- 23 अगस्त को CBI ने अनिल अंबानी की कंपनी RCom के खिलाफ 2,929 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड केस में FIR दर्ज की।
- CBI ने मुंबई में रिलायंस कम्युनिकेशन के ऑफिस और अनिल अंबानी के घर पर छापेमारी भी की।
- यह केस SBI के लोन फ्रॉड से जुड़ा है।
SBI का आरोप: 31,580 करोड़ का गलत इस्तेमाल
कुछ दिन पहले SBI ने भी RCom और अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित किया था। बैंक का कहना है कि –
- कुल 31,580 करोड़ रुपये का लोन लिया गया था।
- इसमें से 13,667 करोड़ रुपये दूसरी कंपनियों के कर्ज चुकाने में खर्च किए गए।
- वहीं 12,692 करोड़ रुपये रिलायंस ग्रुप की दूसरी कंपनियों को ट्रांसफर किए गए।
अनिल अंबानी पर बढ़ी कानूनी मुश्किलें
- SBI ने इस मामले को लेकर CBI में शिकायत दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
- साथ ही, अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल दिवालियापन का मामला भी NCLT मुंबई में चल रहा है।
अनिल अंबानी और उनकी कंपनी RCom के खिलाफ बैंकों की कार्रवाई लगातार तेज हो रही है। एक तरफ CBI की जांच और छापेमारी, दूसरी तरफ बैंकों की कानूनी कार्यवाही—इन सबने अनिल अंबानी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। आने वाले दिनों में यह केस भारतीय कॉर्पोरेट जगत में सबसे बड़े बैंक फ्रॉड मामलों में से एक साबित हो सकता है।





