मुंबई में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी को समन जारी किया है। यह कार्रवाई ₹3,000 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले से जुड़ी है। अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए पेश होने के निर्देश दिए गए हैं।
3,000 करोड़ का लोन फ्रॉड मामला
एक रिपोर्ट के अनुसार, यह केस 2017 से 2019 के बीच का है, जब यस बैंक ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को करीब ₹3,000 करोड़ का लोन दिया था। जांच में सामने आया कि यह धनराशि कथित तौर पर फर्जी कंपनियों और समूह की अन्य इकाइयों में डायवर्ट की गई। इसके अलावा यस बैंक के बड़े अधिकारियों को रिश्वत देने के संकेत भी मिले हैं।
ED की बड़ी कार्रवाई
ED ने हाल ही में अनिल अंबानी से जुड़ी 50 से अधिक कंपनियों और ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान मुंबई और दिल्ली में कई ठिकानों को खंगाला गया।
- 25 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हुई।
- छापेमारी प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई।
जांच में सामने आए तथ्य
प्रवर्तन निदेशालय की जांच में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जिनमें शामिल हैं:
- कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन जारी करना
- कई कंपनियों में एक ही एड्रेस और डायरेक्टर का इस्तेमाल
- लोन से जुड़े आवश्यक दस्तावेजों की कमी
- फर्जी कंपनियों में पैसों का ट्रांसफर
- पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन देना (लोन एवरग्रीनिंग)
CBI की भूमिका
इस मामले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) भी सक्रिय है। CBI ने यस बैंक से जुड़े दो लोन मामलों में FIR दर्ज की थी, जो रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड से संबंधित हैं। FIR में यस बैंक के पूर्व CEO राणा कपूर का नाम भी शामिल है। इसके बाद नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी और बैंक ऑफ बड़ौदा सहित कई एजेंसियों ने ED को इनपुट दिए।
शेयर मार्केट पर असर
छापेमारी की खबर सामने आने के बाद रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस पावर के शेयरों में 5% तक की गिरावट देखी गई थी। समन जारी होने की खबर के बाद इसमें और 3% की गिरावट आई। हालांकि, रिलायंस पावर ने स्पष्ट किया कि इन कार्रवाइयों का उसके बिजनेस, निवेशकों या कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है।
कंपनी का कहना है कि यह मामला रिलायंस कम्युनिकेशंस (RCOM) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से जुड़े पुराने लेन-देन से संबंधित है, और रिलायंस पावर का उनसे कोई वित्तीय संबंध नहीं है।
SBI का बड़ा आरोप
हाल ही में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया। बैंक का आरोप है कि RCom ने ₹31,580 करोड़ के लोन का गलत इस्तेमाल किया।
- लगभग ₹13,667 करोड़ दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में लगाए गए।
- करीब ₹12,692 करोड़ रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों में ट्रांसफर किए गए।
SBI ने बताया कि इस मामले में CBI से शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। इसके साथ ही नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) मुंबई में अनिल अंबानी के खिलाफ पर्सनल इन्सॉल्वेंसी की कार्यवाही भी चल रही है।
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हाल की छापेमारी
एक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 जुलाई को ED ने अनिल अंबानी से जुड़ी कंपनियों पर ₹68.2 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी केस के सिलसिले में छापेमारी की थी।





