उत्तर प्रदेश के आगरा में पुलिस कंट्रोल रूम पर एक लड़की का फोन पहुंचता है और वह मदद की गुहार लगाते हुए कहती है मैं सुनसान रास्ते पर अकेली खड़ी हूं। पुलिस कंट्रोल रूम से कहा गया कि आप वही रहे 10 मिनट में आपके पास सहायता पहुंच रही है। आनन फानन में पुलिस की सहायता लड़की के स्थान पर पहुंचती है लेकिन सभी पुलिस वाले आवाक रह जाते हैं। फोन करने वाली लड़की कोई और नहीं पुलिस कमिश्नरेट में तैनात सहायक पुलिस कमिश्नर सुकन्या शर्मा थी।
क्या है पूरा मामला
मौके पर पहुंची पुलिस वालों की समझ में यह नहीं आता है कि आखिर उनके साथ ऐसा क्यों किया गया? कुछ देर बाद पता चलता है कि यह टेस्ट रिपोर्ट थी। लड़की ने फोन कर कंट्रोल रूम को बताया कि में सुनसान सड़क पर अकेली खड़ी हूं और मुझे डर लग रहा है। कंट्रोल रूम ने लड़की से पूछा आपके आसपास कौन खड़ा है? लड़की ने जवाब दिया कोई नहीं। कंट्रोल रूम में लड़की से पूछा कहां जाना है? लड़की ने जवाब दिया आगरा कैंट रेलवे स्टेशन जाना है। कंट्रोल रूम में लड़की से कहा ठीक है आप वहीं खड़ी रहिए आपके पास मदद पहुंच रही है। लड़की ने पूछा कितनी देर में? कंट्रोल रूम ने जवाब दिया 15 मिनट में। इसके बाद ठीक 15 मिनट में लड़की के पास पुलिस की मदद पहुंच गई। यह वाकया रात 11:30 बजे का है।
विपक्ष ने की तारीफ
जिसके बाद आगरा कि सहायक पुलिस आयुक्त सुकन्या शर्मा कि पूरे प्रदेश मे जमकर प्रशंसा हो रही है वही उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वा सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी x पर फोटो पोस्ट कर acp सुकन्या शर्मा कि जमकर प्रशंसा कि है ओर लिखा है कि ‘महिला सुरक्षा’ सुशासन की प्रथम परीक्षा होती है। यदि समाजवादी पार्टी के समय में महिला सुरक्षा के लिए शुरू किये गये ‘1090’ व ‘डायल 100’ को भाजपा सरकार में अच्छी तरह चलाया और बढ़ाया जाता तो आज महिला सुरक्षा को लेकर किसी ज़िम्मेदार अफ़सर को आशंका से भरा कॉल न करना पड़ता।
ऐसे ‘मॉक-कॉल’ समय-समय पर होते रहें तो पुलिस-प्रशासन सजग और सचेत रहेगा।
प्रशंसनीय प्रयास!
वुमेन सेफ्टी के लिए आगरा का सरहनीय कार्य़
आगरा में वूमेन सेफ जोन बनाए जाने हैं। वूमेन सेफ जोन बनाने के लिए पुलिस आयुक्त रविंदर गौड ने एक गाइडलाइन भी जारी की है। गाइडलाइन में स्पष्ट आदेश है की रात्रि 10:00 बजे से सुबह 6:00 बजे तक यदि कोई महिला को वहान नहीं मिल रहा है और वह रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड जाना चाहती है अथवा आना चाहती है घर के लिए तो वह पुलिस कंट्रोल रूम नंबर 112 पर फोन कर सहायता मांग सकती है। पुलिस सहायता मांगने वाली महिला के लिए मौके पर पहुंच कर वाहन उपलब्ध कराएगी। उपलब्ध हुए वाहन का किराया संबंधित महिला अथवा युवती को अदा करना होगा। महिला अथवा युवतियों की सहायता के लिए 100 ऑटो सिलेक्ट किए गए हैं जिनके ड्राइवर वर्दी दुरुस्त नेम प्लेट सहित महिला को घर अथवा रेलवे स्टेशनों, बस स्टैंड्स पर पहुंचाने के लिए उपलब्ध रहेंगे। सिलेक्ट ऑटो ड्राइवर का नाम पता मोबाइल नंबर पुलिस ने रजिस्टर किया है। यदि किसी महिला या युवती के साथ कोई घटना होती है तो भी इन ऑटो ड्राइवर की मदद ली जाएगी।
एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया पास हुआ आगरा
पुलिस ने शहर में तीन वूमेन सेफ जोन निर्धारित किए हैं जो कमला नगर, सदर बाजार और न्यू आगरा में है। ये सैफ जॉन्स पूरी तरह से सीसीटीवी की देखरेख में है। एसीपी सुकन्या शर्मा ने बताया कि पुलिस कमिश्नर के निर्देश में रात के वक़्त एक टेस्ट रिपोर्ट ली गई जिसमे PRV 112 की इमरजेंसी सेवाओं को चेक किया गया था। सुकन्या शर्मा ने आम पैसेंजर बनकर 112 पर कॉल किया था। सुकन्या ने कहा कि 112 कंट्रोल रूम ने भरोसा दिलाया कि आप सुरक्षित स्थान पर खडे हो जाएं सहायता पहुंच रही है। 9 मिनट 16 सेकंड पर PRV का रिस्पॉन्स मिला था। यह टेस्ट रिपोर्ट थी इसलिए हमने PRV को बता दिया की यह टेस्ट था और में एसीपी सुकन्या शर्मा बोल रही हूं। PRV का रिस्पॉन्स टाइम अच्छा था और बात करने करने का तरीका बहुत अच्छा था। मुझे भरोसा है कि रात को कोई भी महिला पैसेंजर अकेली सफर कर रही है तो उसके साथ बेहतर व्यवहार किया जायेगा।