सर्दियों का सीजन का आ गया है, दिसम्बर में हाड़कपाने वाली सर्दियों से लोग बेहाल है। ऐसे में हॉस्पिटलों में हार्ट के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। एक अनुमान के मुताबिक प्रतिदिन 2-3 हार्ट के मरीज हॉस्पिटल पहुंच रहे है। यह आंकड़ा सिर्फ एक शहर की है यदि पूरे देश में नजर डाली जाए तो संख्या अधिक हो सकती है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर सर्दियों में हार्ट अटैक के मामले में तेजी क्यों आ जाती है। एक्सपर्ट के अनुसार सर्दियों में खूब गाड़ा हो जाता है, वही धमनियां सिकुड़ने लगती है, अगर ऐसे में लापरवाही बरती तो यह आर्ट अटैक को बढ़ा देता है। वही एक्सपर्ट का कहना है कि सर्दियों में हल्की एक्ससाइज करना जरूरी होता है जिससे खून की गति सामान्य रहे।
सिकुड़ने लगती है खून की धमनियां
बढ़ जाते हैं। क्योंकि ठंड के कारण खून की धमनियां सिकुड़ जाती हैं और इसी से ब्लड प्रेशर बढ़ता है। साथ ही इससे दिल को पूरे शरीर में खून पंप करने और गर्मी बना, रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके चलते छाती में दर्द होना, चक्कर आना, सांस लेने में परेशानी या बाजुओं और कंधों में असहजता हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण हो सकते हैं। इन्हें पहचानना बहुत जरूरी है ताकि सही समय पर सही कदम उठाया जा सके।
दिल की बीमारी होने पर किन बातों का ध्यान रखें?
ज्यादा मात्रा में पानी न पीएं
अनेक कामों के साथ.साथ दिल का एक काम शरीर में मौजूद रक्त यानी खून के साथ लिक्विड को पम्प करना भी है। अगर आप अधिक मात्रा में पानी पीते हैं तो आपके दिल को पम्प करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ेगी जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।
कम से कम नमक का सेवन करें
अधिक नमक का सेवन करने से ब्लड प्रेशर बढ़ता है यह सबको मालूम है, लेकिन आपको यह भी पता होना चाहिए कि नमक आपके शरीर में पानी को रोकता है। अगर शरीर में पानी रूक जाएगा तो दिल को अधिक मात्रा में लिक्विड को पम्प करना पड़ेगा।
सुबह जल्दी न उठें और टहलने न जाएं
अगर आपको पहले ही हार्ट अटैक आ चूका है या दिल की बीमारी है तो आपको सर्दी के मौसम में सुबह नहीं उठना चाहिए यानी सुबह जल्दी बिस्तर नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि सर्दी के मौसम में नसें पहले ही सिकुड़ी हुई होती हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप सुबह जल्दी बिस्तर से उठते हैं या उठकर बाहर यानी ठंडे वातावरण में टहलने जाते हैं तो खुद को गर्म बनाए रखने के लिए शरीर को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। साथ हीए दिल को अधिक मेहनत करना पड़ता है।
इन सबके अलावा सर्दी का मौसम हो या गर्मी काए खुद को तनाव से बचाकर रखने की कोशिश करें। अगर किसी बात की चिंता है तो दिल में रखने के बजाय अपने परिवार वालों और डॉक्टर से इस बारे में बात करें। अगर आपको दिल की बीमारी है तो सर्दी का मौसम शुरू होने से पहले ही आपको अपने डॉक्टर से मिलकर इस बारे में बात करनी चाहिए कि ठंड के समय आपका डाइट और लाइफस्टाइल कैसा होना चाहिए। साथ हीए आपको खान.पान या अन्य किन बातों का ख़ास ध्यान रखना चाहिए। ऐसा करने से आप सर्दी में होने वाले हार्ट अटैक के खतरे को दूर कर सकते हैं।
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