BY: Yoganand Shrivastva
हिमाचल प्रदेश – पहाड़ों पर बरसात अब कहर बनकर टूट रही है। शिमला, कुल्लू और मंडी जैसे जिलों में तेज बारिश के कारण नदियों और नालों का रौद्र रूप सामने आया है। राजधानी शिमला के भट्टाकुफर क्षेत्र में सोमवार सुबह एक पांच मंजिला इमारत देखते ही देखते ध्वस्त हो गई, जैसे किसी ने ताश की गड्डी हवा में उछाल दी हो। गनीमत रही कि हादसे के वक्त इमारत खाली थी, वरना जनहानि से इनकार नहीं किया जा सकता था।
ताश की तरह गिरी इमारत, बड़ी जनहानि टली
यह हादसा मठु कॉलोनी में उस सड़क पर हुआ जो चामयाना सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की ओर जाती है। बताया जा रहा है कि यह पुरानी बिल्डिंग फोरलेन निर्माण कार्य के चलते असुरक्षित घोषित कर दी गई थी और प्रशासन ने इसे पहले ही खाली करवा लिया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि यह इमारत लंबे समय से जर्जर हालत में थी और भारी बारिश ने इसे पूरी तरह ढहा दिया।
कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन आसपास के लोगों में दहशत फैल गई। प्रशासन मौके पर पहुंच चुका है और मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। साथ ही अब क्षेत्र में अन्य कमजोर इमारतों की भी पहचान की जा रही है ताकि आगे ऐसा हादसा न हो।
कुल्लू और मंडी में भी नदी ने दिखाया विकराल रूप
शिमला के अलावा कुल्लू और मंडी जिलों में भी पिछले 24 घंटों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे नदियां उफान पर हैं। स्थिति को देखते हुए ब्यास नदी पर स्थित लारजी और पंडोह डैम के गेट खोल दिए गए हैं, ताकि पानी का स्तर नियंत्रित किया जा सके।
मंडी जिले के हनोगी देवी और जोगनी मोड़ क्षेत्रों में बरसाती झरने इतनी तेजी से बह रहे हैं कि किसी भी समय हादसे की आशंका जताई जा रही है। इन झरनों के साथ पत्थर और मलबा भी बहकर आ रहा है, जो लोगों के लिए बेहद खतरनाक बन चुका है।
मौसम विभाग का अलर्ट
मौसम विभाग ने पहले ही भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी कर रखा है। विभाग का कहना है कि हिमाचल के कुछ क्षेत्रों में भूस्खलन और बादल फटने जैसी घटनाएं भी हो सकती हैं, इसलिए लोगों को अत्यधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है।