BY: Yoganand Shrivastva
मध्य प्रदेश : बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप मामले में बड़ा एक्शन हुआ है। श्रीसन फार्मा कंपनी के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को मध्य प्रदेश की विशेष जांच टीम (SIT) ने बुधवार देर रात चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया। टीम ने कार्रवाई के दौरान कंपनी से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और उत्पादन से जुड़े रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं।
रंगनाथन पर पहले से 20 हजार रुपए का इनाम घोषित था और वह अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था। SIT ने चेन्नई-बेंगलुरु हाइवे पर स्थित उसके 2,000 वर्ग फुट के अपार्टमेंट को सील कर दिया, जबकि कोडम्बक्कम स्थित कंपनी का रजिस्टर्ड ऑफिस बंद पाया गया। छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे के अनुसार, आरोपी को चेन्नई कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगा जाएगा, जिसके बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई संभव
इस मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है। अधिवक्ता विशाल तिवारी की याचिका में मांग की गई है कि जांच सीबीआई या विशेषज्ञ समिति के माध्यम से कराई जाए, ताकि पूरे मामले की निष्पक्ष पड़ताल हो सके।
अब तक 24 मासूमों की जान गई
कफ सिरप पीने से हुई मौतों का आंकड़ा बढ़कर 24 तक पहुंच गया है। बुधवार रात छिंदवाड़ा जिले की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के तीन वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने नागपुर मेडिकल कॉलेज में दम तोड़ दिया। वह 25 सितंबर से इलाजरत था।
मुख्यमंत्री मोहन यादव नागपुर जाएंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुरुवार को नागपुर जाएंगे, जहां वे अस्पतालों में भर्ती चारों बच्चों का हाल जानेंगे और उनके परिजनों से मुलाकात करेंगे। इनमें गार्विक पवार, अंबिका विश्वकर्मा, कुणाल यदुवंशी और हर्ष यदुवंशी का इलाज नागपुर के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। सीएम ने कहा कि सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और सभी बच्चों का इलाज सरकार के खर्च पर होगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
छिंदवाड़ा महापौर ने जन्मदिन रद्द किया
घटना से दुखी होकर छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके ने घोषणा की है कि वे 10 अक्टूबर को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे। उन्होंने समर्थकों से अपील की है कि केक, बुके और उपहारों पर खर्च होने वाली राशि पीड़ित परिवारों की मदद में दी जाए। इसके लिए महापौर निवास पर एक सहयोग बॉक्स लगाया जाएगा।
जांच में बड़ा खुलासा: बिना बिल खरीदा गया जहरीला केमिकल
तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि श्रीसन फार्मा ने कोल्ड्रिफ सिरप बनाने में नॉन-फार्मास्यूटिकल ग्रेड प्रोपलीन ग्लायकॉल का इस्तेमाल किया था, जो दवा निर्माण के लिए उपयुक्त नहीं है। कंपनी के पास केमिकल की खरीद का कोई बिल या एंट्री रिकॉर्ड नहीं मिला। कंपनी के मालिक ने जांच के दौरान मौखिक रूप से स्वीकार किया कि उन्होंने दो बार में 50-50 किलो प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा था — यानी कुल 100 किलो जहरीला केमिकल, जिसका भुगतान कभी कैश तो कभी गूगल पे के माध्यम से किया गया।
486 गुना अधिक जहरीले तत्व मिले
लैब रिपोर्ट में सामने आया कि सिरप में डाईएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) और एथिलीन ग्लायकॉल (EG) जैसे जहरीले तत्वों की मात्रा स्वीकृत सीमा से 486 गुना ज्यादा थी। एक विशेषज्ञ के अनुसार, यह स्तर न सिर्फ बच्चों बल्कि बड़े जानवरों तक के लिए घातक है, क्योंकि यह किडनी और दिमाग को पूरी तरह नष्ट कर सकता है।
दस्तावेज छिपाने की कोशिश
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि कंपनी ने जांच से पहले स्टॉक खत्म कर दस्तावेज छिपाने की कोशिश की थी। निरीक्षण के दौरान कंपनी के पास प्रोपलीन ग्लायकॉल का कोई स्टॉक नहीं था। तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल अथॉरिटी ने कहा कि यह जांच जन सुरक्षा के हित में आवश्यक थी, क्योंकि इस तरह के घटिया केमिकल से बनी दवाएं बच्चों और वयस्कों दोनों के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। इस घटना ने पूरे देश में दवा निर्माण की निगरानी प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की निगाहें SIT और सुप्रीम कोर्ट की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।