एशिया कप 2025 का आगाज 9 सितंबर से होगा और सबसे बड़ा मुकाबला 14 सितंबर को भारत और पाकिस्तान के बीच खेला जाना है। लेकिन इस मैच से पहले ही विवाद खड़ा हो गया है। कई भारतीय और पाकिस्तानी क्रिकेटरों ने इस हाई-वोल्टेज मैच के आयोजन पर आपत्ति जताई है।
खिलाड़ियों का मानना है कि मौजूदा हालात में भारत को पाकिस्तान के खिलाफ मैदान पर नहीं उतरना चाहिए। लगातार बढ़ती विरोधी आवाज़ें इस मैच को लेकर असमंजस की स्थिति पैदा कर रही हैं।
केदार जाधव का बड़ा बयान
भारतीय क्रिकेटर और बीजेपी नेता केदार जाधव ने साफ कहा कि भारत को पाकिस्तान से एशिया कप में मुकाबला नहीं खेलना चाहिए।
- उन्होंने इसे ऑपरेशन सिंदूर से जोड़ते हुए कहा कि देशहित हमेशा पहले होना चाहिए।
- जाधव का कहना है कि भारतीय टीम को हर जगह जीतना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान से मैच नहीं खेलना चाहिए।
हरभजन सिंह और अजहरुद्दीन भी जता चुके विरोध
केदार जाधव इस बहस में अकेले नहीं हैं। उनसे पहले कई बड़े नाम इस विवाद में अपनी राय रख चुके हैं।
- हरभजन सिंह: उन्होंने साफ कहा कि देश और वीर जवान पहले हैं, क्रिकेट बाद में। हरभजन पहले भी वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ लेजेंड्स में पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से इनकार कर चुके हैं।
- मोहम्मद अजहरुद्दीन: पूर्व कप्तान अजहरुद्दीन ने भी पाकिस्तान के साथ खेलने का विरोध किया था। हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि आखिरकार निर्णय बोर्ड पर निर्भर करता है।
पाकिस्तानी क्रिकेटर की चिंताएं
दिलचस्प बात यह है कि विरोध सिर्फ भारत से ही नहीं बल्कि पाकिस्तान की ओर से भी सामने आया है।
- बासित अली, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर, ने हाल ही में कहा कि वह चाहते हैं भारत-पाकिस्तान मैच न हो।
- उनकी दलील यह थी कि मौजूदा हालात में पाकिस्तान को भारत के खिलाफ हार का सामना करना पड़ सकता है और खिलाड़ियों पर दबाव बहुत ज्यादा होगा।
क्या होगा भारत-पाकिस्तान मैच का भविष्य?
भारत बनाम पाकिस्तान हमेशा से क्रिकेट का सबसे बड़ा मुकाबला माना जाता है, लेकिन इस बार हालात अलग हैं।
- कई भारतीय क्रिकेटर विरोध जता चुके हैं।
- पाकिस्तान के पूर्व खिलाड़ी भी असहज महसूस कर रहे हैं।
ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या 14 सितंबर को भारत-पाकिस्तान मैच होगा भी या नहीं? इसका फैसला अब एशियन क्रिकेट काउंसिल और संबंधित बोर्ड के हाथों में है।
एशिया कप 2025 का भारत-पाकिस्तान मैच अभी से सुर्खियों में है। मैदान पर गेंद और बल्ले से पहले ही, बयानबाज़ी और विवाद ने माहौल को गरमा दिया है। अब देखना यह होगा कि क्रिकेट जीतता है या राजनीति और भावनाओं का दबाव इस मुकाबले को रोक देता है।





