हरियाणा में अगले महीने चुनाव होने वाले हैं। जिसे लेकर तमाम राजनीतिक दल सियासी मैदान में हुंकार भर रहे हैं। बीते दिन यानी 4 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की। इनमें 67 प्रत्याशियों के नाम शामिल थे। हालांकि, बीजेपी की पहली लिस्ट आने के बाद से ही पार्टी में विरोधी तेवर देखने को मिल रहे हैं। टिकट न मिलने की वजह से हरियाणा के रतिया क्षेत्र से विधायक लक्ष्मण नापा ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसके अलावा हरियाणा बीजेपी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर मांडी ने भी पार्टी से रिजाइन दे दिया है। खबरें यहां तक भी है कि अभी भी कई नेता टिकट न मिलने की वजह से शीर्ष नेतृत्व से नाराज चल रहे हैं।
बीजेपी को लक्ष्मण नापा पर नहीं है भरोसा
भाजपा ने रतिया विधानसभा क्षेत्र से मौजूदा विधायक लक्ष्मण नापा का टिकट काट पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल को अपना उम्मीदवार बनाया है। नापा ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली को अपना इस्तीफा भेजा है। गौरतलब है कि पूर्व सांसद सुनीता दुग्गल रतिया विधानसभा क्षेत्र में कुछ दिनों पहले ही सक्रिय हो गई थी। बीजेपी कार्यकर्ताओ को जब सुनीता दुग्गल को रतिया से टिकट मिलने की आहट हुई तो विरोध के स्वर पहले ही उठने लगे थे। बीजेपी कार्यकर्ताओं की तरफ से स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की मांग भी की गई। लेकिन बीजेपी हाईकमान ने लक्ष्मण नापा पर भरोसा न जताकर सुनीता दुग्गल को रतिया से उम्मीदवार बनाया है।

कौन हैं सुनीता दुग्गल?
बता दें कि सुनीता दुग्गल आईआरएस अधिकारी रह चुकी हैं। उन्होंने साल 2014 में सरकारी नौकरी छोड़कर राजनीति में एंट्री ली थी। साल 2014 में बीजेपी ने सुनीता को रतिया से प्रत्याशी बनाया था। लेकिन वे इनेलो उम्मीदवार रविंद्र बलियाला से महज 453 वोटों से हार गई थी। फिर 2019 के आम चुनाव में बीजेपी ने सुनीता दुग्गल को सिरसा सीट से मैदान में उतारा। इस चुनाव में सुनीता दुग्गल ने जीत हासिल की। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर को मात दी थी।
लक्ष्मण नापा भाजपा से इस्तीफा देकर कांग्रेस में होंगे शामिल
वहीं लक्ष्मण नापा के बीजेपी से इस्तीफा देने के साथ ही अब उनके कांग्रेस ज्वाइन करने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। खबरों की मानें तो नापा कांग्रेस के दिग्गज नेता और प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात कर पार्टी का थामन थाम सकते हैं।