BY: Yoganand Shrivastva
उत्तरकाशी (धराली) उत्तराखंड के धराली क्षेत्र में आई भीषण आपदा के बीच एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जिसने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जब लगातार तीसरे दिन आपदा प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर रहे थे, तभी एक महिला ने उन्हें अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर राखी बांधी। यह दृश्य आपदा के मलबे के बीच मानवीय संवेदना और भाईचारे की मिसाल बन गया।
राखी में छुपा था भरोसा, स्नेह और सम्मान
अहमदाबाद के ईशनपुर की निवासी धनगौरी बरौलिया अपने परिवार के साथ गंगोत्री दर्शन के लिए उत्तराखंड आई थीं। 5 अगस्त को अचानक आई आपदा ने उनका रास्ता बंद कर दिया और वे धराली में अपने परिवार के साथ फंस गईं। मलबा, जलप्रवाह और तबाही के बीच किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आगे क्या होगा। डर और असहायता के उस माहौल में मुख्यमंत्री धामी की निगरानी में राहत और बचाव कार्य शुरू हुए।
रेस्क्यू टीमों ने बेहद चुनौतीपूर्ण हालात में धनगौरी और उनके परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला। तीन दिन तक वहीं ठहर कर मुख्यमंत्री खुद हालात पर नजर रख रहे थे और लोगों की हर संभव मदद कर रहे थे।
“मेरे लिए मुख्यमंत्री धामी, भगवान श्रीकृष्ण जैसे हैं”
शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री धामी एक बार फिर धराली के निरीक्षण पर पहुंचे, तो धनगौरी अपने आंसुओं को रोक न सकीं। उन्होंने भावुक होकर अपनी साड़ी का एक किनारा फाड़ा और उसे राखी के रूप में सीएम धामी की कलाई पर बांधते हुए कहा –
“आपने हमें मौत के मुंह से बाहर निकाला। हमारे लिए आप भगवान श्रीकृष्ण की तरह हैं, जिन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई थी। आपने हमें भाई की तरह सुरक्षा दी है।”
मुख्यमंत्री ने भी महिला का हाथ पकड़कर उन्हें भरोसा दिलाया कि वे एक भाई की तरह हमेशा आपदा पीड़ित बहनों के साथ खड़े रहेंगे और हर ज़रूरत में मदद करेंगे।
एक मार्मिक दृश्य, जिसने सबको छू लिया
धराली की त्रासदी के बीच उपजे इस मानवीय क्षण ने वहां मौजूद हर व्यक्ति को भावुक कर दिया। राखी के रूप में बंधा साड़ी का टुकड़ा, केवल एक रेशमी धागा नहीं था, बल्कि उसमें कृतज्ञता, अपनत्व और भाईचारे का भाव बुना हुआ था।
इस दृश्य ने साबित कर दिया कि विपत्ति चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, संवेदनशील नेतृत्व और जनसरोकार की भावना ही सच्चे लोकतंत्र की पहचान है।