ग्वालियर में बच्चों की सुरक्षा को लेकर बड़ी लापरवाही सामने आई है। परिवहन विभाग द्वारा चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत सोमवार को केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक-4 की 7 स्कूल बसों की जांच की गई। इस दौरान कई बसों में बीमा, फिटनेस सर्टिफिकेट और परमिट जैसे जरूरी दस्तावेज नहीं मिले। परिणामस्वरूप बस संचालकों पर 28 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
जांच में क्या पाया गया?
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी (आरटीओ) विक्रमजीत सिंह कंग ने बताया कि अभियान के दौरान कई बसों में गंभीर खामियां पाई गईं, जिनमें शामिल हैं:
- इंश्योरेंस की कमी
- फिटनेस सर्टिफिकेट का न होना
- परमिट दस्तावेज अधूरे होना
यह लापरवाही बच्चों की सुरक्षा को सीधे खतरे में डालती है।
आरटीओ की सख्त चेतावनी
आरटीओ ने कहा कि अभिभावक स्वयं वाहन पोर्टल पर बसों का स्टेटस चेक कर सकते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया:
“बिना फिटनेस और परमिट वाली बसों में अपने बच्चों को न भेजें।”
साथ ही, बस संचालकों को 7 अगस्त तक दस्तावेज पूरे करने का आदेश दिया गया है। अन्यथा उनकी बसें जब्त की जाएंगी।
अभिभावकों के लिए अपील
अभिभावकों से कहा गया है कि:
- केवल उन्हीं बसों का चयन करें जिनके पास सभी जरूरी दस्तावेज और फिटनेस सर्टिफिकेट हों।
- बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें।
- संभावित कार्रवाई की स्थिति में वैकल्पिक व्यवस्था तैयार रखें।
क्यों जरूरी है यह कदम?
ग्वालियर सहित देशभर में स्कूल बस हादसों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, यह जांच अभियान बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहद आवश्यक है। प्रशासन का लक्ष्य है कि कोई भी बस बिना फिटनेस और आवश्यक दस्तावेजों के सड़कों पर न दौड़े।