साल 2013 में रिलीज हुई और दर्शकों के दिलों पर राज करने वाली फिल्म रांझणा हाल ही में फिर से थिएटर्स में उतारी गई। लेकिन इस बार कहानी में एक ऐसा ट्विस्ट जोड़ा गया जिसने सबको चौंका दिया। एआई तकनीक की मदद से फिल्म का क्लाइमैक्स पूरी तरह बदल दिया गया।
इस बदलाव से न तो फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय खुश हैं और न ही इसके लीड एक्टर धनुष। दोनों ने सोशल मीडिया के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर की है।
धनुष ने जताई गहरी नाराजगी
धनुष ने X (पहले ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा:
“रांझणा को एआई से बदले गए क्लाइमैक्स के साथ री-रिलीज करने से मैं बेहद निराश हूं। इस बदलाव ने फिल्म की आत्मा ही छीन ली है। मेरी साफ आपत्ति के बावजूद यह कदम उठाया गया।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह कदम केवल उनकी फिल्म को नुकसान नहीं पहुंचा रहा, बल्कि सिनेमा की असली आत्मा और विरासत के लिए भी खतरा है।
For the love of cinema 🙏 pic.twitter.com/VfwxMAdfoM
— Dhanush (@dhanushkraja) August 3, 2025
एआई पर धनुष की बड़ी भविष्यवाणी
धनुष ने अपने पोस्ट में एआई को लेकर गंभीर चेतावनी दी। उन्होंने कहा:
- यह वह फिल्म नहीं है जिसके लिए उन्होंने 12 साल पहले हामी भरी थी।
- फिल्मों और कंटेंट में एआई का दखल कला और कलाकारों दोनों के लिए चिंता का विषय है।
- कहानी कहने की कला और सिनेमा की विरासत को यह तकनीक गहरा नुकसान पहुंचा सकती है।
- भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाने चाहिए।
आनंद एल राय भी नाराज
फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय ने भी एक भावुक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा कि पिछले कुछ दिन उनके लिए बेहद कठिन रहे, क्योंकि उनकी फिल्म का क्लाइमैक्स उनकी अनुमति के बिना बदल दिया गया।
उन्होंने कहा:
“मेरी मर्जी के खिलाफ क्लाइमैक्स को बदलना, किसी भी निर्देशक के लिए अपनी फिल्म को बर्बाद होते देखने जैसा है। और सबसे बुरी बात यह है कि यह सब बड़े आराम से कर दिया गया।”
सिनेमा पर एआई का बढ़ता खतरा
रांझणा के इस विवाद ने फिल्म इंडस्ट्री में एक नई बहस को जन्म दिया है।
- क्या फिल्मों में एआई का इस्तेमाल सिर्फ विजुअल इफेक्ट्स तक सीमित रहना चाहिए?
- या फिर कहानी और क्लाइमैक्स जैसे अहम हिस्सों को भी तकनीक से बदलना सही है?
धनुष और आनंद एल राय की नाराजगी इस बात का संकेत है कि एआई का गलत इस्तेमाल सिनेमा की विरासत को गहरी चोट पहुंचा सकता है।
फिल्म रांझणा का क्लाइमैक्स एआई से बदलने के बाद जो विवाद उठा है, उसने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है—क्या तकनीक हमारी कला को बचाएगी या बर्बाद करेगी? दर्शक अब बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि इस मुद्दे पर इंडस्ट्री और सरकार किस तरह का कदम उठाती है।