BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली | गुरुग्राम जमीन घोटाले में रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा चार्जशीट दाखिल किए जाने के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। उन्होंने इस कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है।
My brother-in-law has been hounded by this government for the last ten years. This latest chargesheet is a continuation of that witch hunt.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 18, 2025
I stand with Robert, Priyanka and their children as they face yet another onslaught of malicious, politically motivated slander and…
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए राहुल गांधी ने लिखा:
“मेरे जीजाजी को पिछले 10 वर्षों से लगातार परेशान किया जा रहा है। यह नई चार्जशीट उसी षड्यंत्र का हिस्सा है। मैं रॉबर्ट, प्रियंका और उनके बच्चों के साथ हूं, जो दुर्भावनापूर्ण प्रचार और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। मुझे यकीन है कि वे इस स्थिति का डटकर और गरिमा के साथ सामना करेंगे। अंततः सच्चाई की ही जीत होगी।”
क्या है गुरुग्राम जमीन घोटाले का मामला?
- वर्ष 2008 में रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्रा. लि. ने गुरुग्राम के शिकोहपुर (सेक्टर 83) में 3.53 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ में खरीदी थी।
- आरोप है कि बिना कोई प्रोजेक्ट विकसित किए, उसी जमीन को 58 करोड़ में बेच दिया गया।
- वाड्रा पर फर्जी दस्तावेज पेश करने और नियमों के विपरीत कमर्शियल लाइसेंस हासिल करने का भी आरोप है।
ईडी ने की संपत्तियों की कुर्की
- 16 जुलाई 2025 को ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनियों की 43 अचल संपत्तियों को 37.64 करोड़ रुपये मूल्य के साथ अस्थायी रूप से अटैच कर लिया।
- इन संपत्तियों में स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी सहित अन्य संबंधित संस्थाएं शामिल हैं।
चार्जशीट में वाड्रा आरोपी
- 17 जुलाई 2025 को ईडी ने दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट में वाड्रा समेत 11 व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दाखिल की।
- इस मामले में ईडी द्वारा वाड्रा से 18 घंटे से अधिक पूछताछ की जा चुकी है।
- साथ ही, हरियाणा के कुछ पूर्व कांग्रेस नेताओं से भी पूछताछ की गई है।
FIR और जांच की पृष्ठभूमि
- मूल रूप से यह केस 1 सितंबर 2018 को दर्ज हुई FIR संख्या 288 पर आधारित है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और गैरकानूनी लाइसेंसिंग जैसे आरोप लगाए गए थे।
- इस FIR के आधार पर ही ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और अब आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ा दिया है।