केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री को रद्द कर दिया है। तीन दिन पहले लिए गए मोदी सरकार के इस फैसले का विपक्षी दल कड़ा विरोध कर रहे थे और इसे पिछड़े वर्गों के साथ अन्याय बता रहे थे। विवाद बढ़ता देख सरकार ने इसे रद्द कर दिया है। वहीं लेटरल एंट्री रद्द होने पर राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। लेटरल एंट्री की अधिसूचना रद्द होने पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि कांग्रेस ने आरक्षण छीनने की भाजपा की साजिश को नाकाम कर दिया है।
कांग्रेस ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर फेरा पानी- कांग्रेस अध्यक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने अधिकारिक एक्स हैंडल से लिखा, ‘संविधान जयते ! हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमज़ोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। Lateral Entry पर मोदी सरकार की चिट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है।’ वो आगे लिखते हैं, ‘श्री राहुल गांधी, कांग्रेस और INDIA पार्टियों की मुहिम से सरकार एक कदम पीछे हटी है, पर जब तक BJP-RSS सत्ता में है, वो आरक्षण छीनने के नए-नए हथकंडे अपनाती रहेगी। हम सबको सावधान रहना होगा।’
खड़गे ने लिखा, ‘बजट में मध्यम वर्ग पर किया गया Long Term Capital Gain/ Indexation वाला प्रहार हो, या वक्फ बिल को JPC के हवाले करना हो, या फिर Broadcast Bill को ठंडे बस्ते में डालना हो – जनता और विपक्ष की ताकत देश को मोदी सरकार से बचा रही है।’
भाजपा की सोची समझी साजिश- खड़गे
वहीं जिस दिन (17 अगस्त 2024) केंद्र सरकार ने लेटरल एंट्री को लेकर नोटिफिकेशन जारी किया था उस दिन खड़गे ने कहा था, संविधान को तार-तार करती भाजपा ने किया आरक्षण पर डबल वार ! पहला, आज मोदी सरकार ने केंद्र में Joint Secretary, Directors and Deputy Secretary के कम से कम 45 पद Lateral Entry द्वारा भरने का विज्ञापन निकाला है। क्या इसमें SC,ST, OBC एवं EWS आरक्षण है?
सोची समझी साजिश के तहत भाजपा जानबूझकर नौकरियों में ऐसे भर्ती कर रही है, ताकि आरक्षण से SC, ST, OBC वर्गों को दूर रखा जा सके।
कांग्रेस नेता ने आगे लिखा था, दूसरा, यूपी में 69,000 सहायक शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण घोटाले का अब हाई कोर्ट के फ़ैसले से पर्दाफ़ाश हो चुका है। श्री राहुल गांधी ने मार्च 2024 में दलित और पिछड़े वर्ग में आरक्षण घोटाले में प्रधानमंत्री जी को पत्र लिखकर वंचित अभ्यर्थियों की आवाज़ उठाई थी। योगी सरकार ने अभ्यर्थियों से नाइंसाफ़ी करते हुए ये पद भरे थे, जिसमें दलित और पिछड़े वर्ग का आरक्षण का संवैधानिक हक उनसे छीना गया।
अब हमें पता चला की भाजपा की सहयोगी दल की केंद्रीय मंत्री ने नौकरियों में आरक्षण पर हो रहे धाँधली पर सरकार का ध्यान क्यों आकृष्ट कराया था। भारत के संविधान में निहित आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक न्याय के प्रावधानों को पूर्णतः लागू करना आवश्यक है। कांग्रेस पार्टी इसीलिए सामाजिक न्याय के लिए जातिगत जनगणना की माँग कर रही है।
क्या है लेटरल एंट्री?
अगर हम लेटरल एंट्री को सरल भाषा में समझें तो यह बिना परीक्षा के सीधी भर्ती से संबंधित है। लेटरल एंट्री के जरिए केंद्र सरकार UPSC के बड़े पदों पर प्राइवेट सेक्टर के एक्सपर्ट्स की सीधी भर्ती करती है। जिसमें राजस्व, वित्त, आर्थिक, कृषि, शिक्षा जैसे सेक्टर्स में लंबे समय से काम कर रहे लोग शामिल होते हैं।
सरकार के मंत्रालयों में ज्वाइंट सेक्रेटरी, डायरेक्टर्स और डिप्टी सेक्रेटरी की पोस्ट पर भर्ती लेटरल एंट्री से की जाती है। UPSC में लेटरल एंट्री की शुरुआत साल 2018 में हुई थी। इसमें जॉइंट सेक्रेटरी लेवल की पोस्ट के लिए 6077 एप्लीकेशन आए। UPSC की सिलेक्शन प्रोसेस के बाद 2019 में अलग-अलग मंत्रालयों और विभागों में 9 नियुक्ति हुई।