BY: Yoganand Shrivastava
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (आर.के. पुरम यूनिट) ने एक खौफनाक सीरियल किलर को गिरफ्तार किया है, जो अपने गैंग के साथ मिलकर कैब ड्राइवरों को निशाना बनाता था। यह गिरोह न सिर्फ हत्या करता था, बल्कि शवों को उत्तराखंड की पहाड़ी खाइयों में फेंक देता था और कैब को नेपाल में बेच देता था।
कैब बुक कर करते थे प्लानिंग
अजय लांबा नामक यह आरोपी अपने तीन साथियों के साथ मिलकर ऑनलाइन कैब बुक करता था। कैब ड्राइवर को लंबी दूरी की यात्रा पर ले जाते हुए वे उत्तराखंड की तरफ जाते, रास्ते में ड्राइवर को बेहोश कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर देते और फिर शव को गहरी खाई में फेंक देते थे। इसके बाद वे उस कैब को नेपाल में बेच दिया करते थे।
अब तक चार हत्याओं का खुलासा
पुलिस की जांच में अभी तक चार कैब ड्राइवरों की हत्या की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से सिर्फ एक का शव बरामद किया गया है, बाकी तीन शव अब तक नहीं मिले हैं। पुलिस को आशंका है कि दिल्ली में दर्ज कई कैब ड्राइवरों की गुमशुदगी के मामलों में भी इसी गैंग का हाथ हो सकता है।
कहां-कहां फेंके गए शव?
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उन्होंने अल्मोड़ा, हल्द्वानी और उधमसिंह नगर की पहाड़ियों में शवों को फेंका है। पुलिस अब उन इलाकों में तलाशी अभियान चला रही है ताकि बाकी शवों की तलाश की जा सके।
2001 से सक्रिय था गिरोह
जानकारी के मुताबिक, यह गैंग साल 2001 से दिल्ली और उत्तराखंड में सक्रिय था। इसका मास्टरमाइंड अजय लांबा है, जिसे दिल्ली के इंडिया गेट इलाके से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, अजय पिछले 10 साल से नेपाल में छिपा हुआ था, जहां उसने एक नेपाल मूल की महिला से शादी भी कर ली थी।
पहले भी जेल जा चुका है अजय
अजय पहले भी ड्रग्स और डकैती के मामलों में दिल्ली और उड़ीसा की जेलों में सजा काट चुका है। पुलिस को उम्मीद है कि अजय से पूछताछ के दौरान उसके फरार साथी धीरज उर्फ धीरेंद्र के बारे में भी अहम सुराग मिल सकते हैं।
एक आरोपी पहले ही पकड़ा जा चुका
इस गैंग का एक और सदस्य धीरेंद्र दिलीप पांडे पहले ही गिरफ्त में आ चुका है। वह भी कैब ड्राइवरों की हत्या में संलिप्त था। अब पुलिस अजय और धीरेंद्र को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ करेगी, जिससे पूरे गैंग की सच्चाई और अन्य हत्याओं का खुलासा हो सके।