BY: Yoganand Shrivastva
केरल के तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बीते 15 जून से खड़ा यूके नेवी का F-35B फाइटर जेट अब जल्द ही उड़ान भर सकता है। इस विमान की तकनीकी जांच और मरम्मत के लिए यूनाइटेड किंगडम से एक विशेष इंजीनियरिंग टीम रविवार को भारत पहुंच गई है। यह टीम भारतीय विशेषज्ञों के साथ मिलकर विमान को तकनीकी रूप से तैयार करने में जुटी है।
आपात लैंडिंग के बाद से एयरपोर्ट पर खड़ा है विमान
ब्रिटिश फाइटर जेट ने 14 जून को उड़ान भरी थी, लेकिन अगले ही दिन यानी 15 जून को तकनीकी समस्या के कारण इसे तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी। इसके बाद से यह विमान वहीं खड़ा है। खराब मौसम और ईंधन की कमी के चलते ब्रिटिश नेवी के इस हाई-टेक फाइटर को अपने मूल विमानवाहक पोत पर लैंडिंग में दिक्कतें आई थीं, जिसके चलते उसे भारत में लैंड कराना पड़ा।
विशेष उपकरणों के साथ आई तकनीकी टीम
ब्रिटिश उच्चायोग के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि मरम्मत के लिए भेजी गई टीम विशेष उपकरणों के साथ आई है, जो विमान की मरम्मत और दोबारा उड़ान भरने की प्रक्रिया को सुरक्षित ढंग से पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि यूके सरकार ने भारत द्वारा दी गई MRO (Maintenance, Repair & Overhaul) सुविधा को स्वीकार कर लिया है और अब संबंधित भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर विमान को स्थानांतरित कर मरम्मत प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।
भारत को मिला विशेष धन्यवाद
ब्रिटिश उच्चायोग ने तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट प्रशासन और भारतीय रक्षा व विमानन एजेंसियों के सहयोग के लिए आभार जताया है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में भारत ने जो समर्थन और समन्वय दिखाया, वह बेहद सराहनीय है। इससे पहले जब विमान ने इमरजेंसी लैंडिंग की थी, तब भी ब्रिटेन ने भारत के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया था।
नाविक अभ्यास का हिस्सा था यह विमान
गौरतलब है कि यह फाइटर जेट नॉर्थ अरेबियन सी में 9 और 10 जून को हुए भारत-ब्रिटेन संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का हिस्सा था। अभ्यास के बाद F-35B ने प्रशिक्षण उड़ान भरी थी, लेकिन मौसम की प्रतिकूलता के चलते यह अपने कैरियर शिप पर लैंड नहीं कर सका और ईंधन की कमी के चलते भारत में इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई।
जल्द मिल सकती है उड़ान की अनुमति
सूत्रों के अनुसार विमान को दोबारा उड़ान भरने की अनुमति फ्यूलिंग और कानूनी प्रक्रियाओं की पूर्ति के बाद ही दी जाएगी। शुरुआत में इसे एयरपोर्ट के घरेलू हैंगर में रखा गया था, लेकिन पायलट की स्थिति और विमान की खराबी को देखते हुए उसे दोबारा उड़ाना संभव नहीं हुआ। अब इंजीनियरिंग टीम की मदद से विमान को पूरी तरह जांचा और ठीक किया जा रहा है।