BY: Yoganand Shrivastva
भोपाल – मध्यप्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) को मिलने वाले 27% आरक्षण पर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को हुई सुनवाई में राज्य सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा कि जब तक इस मुद्दे से जुड़ी ट्रांसफर की गई याचिकाओं पर अंतिम निर्णय नहीं हो जाता, तब तक यह आरक्षण लागू नहीं किया जाएगा।
सरकार की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत को बताया कि भले ही इस कानून पर कोई न्यायिक रोक नहीं है, लेकिन मामला कोर्ट में लंबित है, इसलिए इसे लागू करना संभव नहीं। कोर्ट की जस्टिस पी.एस. नरसिम्हा और जस्टिस आर. महादेवन की पीठ ने इस बयान को रेकॉर्ड पर लेते हुए इसे छत्तीसगढ़ में चल रही समान प्रकृति की सुनवाई से जोड़ दिया।
याचिकाकर्ताओं की आपत्ति
कीर्ति चौकसे (जबलपुर) और निश्चय सोन वर्षे (बालाघाट) समेत अन्य याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में कहा कि वे ओबीसी वर्ग से हैं और सरकारी परीक्षाओं में चयनित होने के बावजूद उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है। याचिकाकर्ताओं के वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर ने तर्क दिया कि:
- 8 मार्च 2019 को ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश लाया गया था।
- 14 अगस्त 2019 को इसे कानून का रूप दिया गया।
- इस कानून पर किसी भी अदालत ने स्टे नहीं दिया है, फिर भी इसे लागू नहीं किया गया।
छत्तीसगढ़ का हवाला
याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट में यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में सुप्रीम कोर्ट ने 50% से अधिक आरक्षण को अंतरिम अनुमति के तहत लागू करने की इजाज़त दी थी। ऐसे में समानता के आधार पर मध्यप्रदेश में भी 27% आरक्षण लागू किया जाना चाहिए।
सरकार ने इस पर जवाब दिया कि चूंकि मध्यप्रदेश से जुड़े मामले सुप्रीम कोर्ट में पहले से विचाराधीन हैं, इसलिए फिलहाल इस पर कोई कार्यवाही नहीं की जा सकती।
अब तक का घटनाक्रम
- 8 मार्च 2019: कांग्रेस सरकार ने अध्यादेश द्वारा 27% आरक्षण की घोषणा की।
- 14 अगस्त 2019: विधानसभा में कानून पारित कर अध्यादेश की जगह विधिवत अधिनियम लागू हुआ।
- 63 याचिकाएं इसके खिलाफ और 35 याचिकाएं समर्थन में दायर हुईं।
- अक्टूबर 2019: कांग्रेस सरकार के बाद भाजपा सरकार ने भी कोर्ट में पूर्व रुख बरकरार रखा।
- 18 दिसंबर 2024: हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू हुई लेकिन मामला सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर कर दिया गया।
अब सबकी निगाहें सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ पर टिकी हैं, जहां से इस विवाद का अंतिम और निर्णायक समाधान निकलने की उम्मीद है।