मध्यप्रदेश में मानसून का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 21 जिलों में अगले 24 घंटे के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।
क्यों बन रहे हैं बाढ़ जैसे हालात?
प्रदेश में बारिश के तीन शक्तिशाली सिस्टम सक्रिय हैं:
- दो ट्रफ लाइन
- एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन
इन सिस्टमों के कारण पूर्वी मध्यप्रदेश सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह सीजन का अब तक का सबसे ताकतवर सिस्टम है।
कहां-कहां अलर्ट जारी?
ऑरेंज अलर्ट (बहुत भारी बारिश संभव)
- जिले: जबलपुर, सागर, दमोह, सिवनी, मंडला, डिंडौरी, बालाघाट
- बारिश: 8 इंच तक संभावित
येलो अलर्ट (भारी बारिश संभावित)
- जिले: शिवपुरी, अशोकनगर, विदिशा, रायसेन, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, कटनी, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर
इनके अलावा भोपाल, इंदौर, उज्जैन और ग्वालियर में भी बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
उमरिया, जबलपुर, नरसिंहपुर में स्थिति गंभीर
- उमरिया:
जौहिला डैम के दो गेट खोलने पड़े हैं। दोनों गेट से एक-एक मीटर पानी छोड़ा गया। - जबलपुर:
बरगी डैम के गेट रविवार दोपहर खोले जाएंगे, जिससे नर्मदा नदी के घाटों पर 4 से 5 फीट तक पानी बढ़ सकता है। - नरसिंहपुर:
स्टेट हाईवे-22 की पुलिया धंस गई, लोग रस्सियों के सहारे नदी पार कर रहे हैं।
34 जिलों में बारिश से जीवन अस्त-व्यस्त
शनिवार को 34 से ज्यादा जिलों में तेज बारिश हुई। इनमें शामिल हैं:
भोपाल, सीधी, जबलपुर, शहडोल, नरसिंहपुर, शिवपुरी, सागर, डिंडौरी, इंदौर, उज्जैन, विदिशा, धार, श्योपुर, रायसेन, छिंदवाड़ा, देवास, रीवा, सतना, मंदसौर, रतलाम, गुना, बालाघाट, बैतूल, सीहोर, शाजापुर, राजगढ़, मैहर आदि।
बारिश के आँकड़े (शनिवार)
- सीधी: 2 इंच
- सागर: 1.75 इंच
- रीवा-सतना: 1 इंच
- मंडला: 0.75 इंच
- भोपाल, उज्जैन: 0.5 इंच
कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित
- शिवपुरी: बैराड़ क्षेत्र के कई गांवों में घरों में पानी घुसा, गाड़ियां डूबीं
- श्योपुर: क्वारी नदी का पानी गांवों में घुसा, 20 से अधिक घरों में पानी
- शहडोल: मझौली क्षेत्र में दीवार गिरने से बुजुर्ग दंपति की मौत
- डिंडौरी: नेशनल हाईवे पर खेत की मिट्टी बहकर सड़क पर आई, वाहन फंसे
क्या करें प्रशासन और जनता?
- प्रशासन ने नदी किनारे रह रहे लोगों को घर खाली करने की सलाह दी है।
- स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्यों में जुटा है।
- लोगों को नदियों और नालों के पास न जाने की चेतावनी दी गई है।
9 जुलाई तक बारिश से राहत नहीं
मौसम विभाग के अनुसार, 9 जुलाई तक प्रदेश के पूर्वी हिस्से में बारिश का जोर बना रहेगा। लगातार बारिश से जलस्तर और बढ़ सकता है, जिससे और अधिक इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
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मध्यप्रदेश में जारी भारी बारिश ने हालात गंभीर बना दिए हैं। 21 जिलों में अलर्ट के बीच प्रशासन अलर्ट मोड में है। जनता से अपील है कि प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें और सुरक्षित स्थानों पर रहें।