बर्मिंघम टेस्ट में भारत की शानदार जीत के बाद एक नाम सबसे ज़्यादा चर्चा में है— मोहम्मद सिराज। जहां इंग्लैंड की बल्लेबाज़ी धराशायी हुई, वहीं सिराज ने अकेले दम पर 6 विकेट झटककर टीम इंडिया को जीत की राह पर ला खड़ा किया।
लेकिन क्या आप जानते हैं? जब जसप्रीत बुमराह टीम में नहीं होते, तब सिराज और भी ज़्यादा प्रभावशाली बन जाते हैं। उनके आंकड़े इसे पूरी तरह साबित करते हैं।
बर्मिंघम टेस्ट: सिराज का कहर
- मोहम्मद सिराज – 6 विकेट
- आकाश दीप – 4 विकेट
- अन्य गेंदबाज – असरहीन
जब जडेजा, सुंदर और प्रसिद्ध कृष्णा विकेट लेने में नाकाम रहे, तब सिराज ने मोर्चा संभाला और इंग्लिश बल्लेबाजों की कमर तोड़ दी।
सिराज बुमराह के बिना क्यों होते हैं ज़्यादा खतरनाक?
आंकड़े क्या कहते हैं?
परिस्थिति | पारियां | गेंदबाजी औसत |
---|---|---|
बुमराह के साथ | 44 | 33.82 |
बुमराह के बिना | 26 | 25.21 |
यानी जब बुमराह टीम में नहीं होते, सिराज कम रन खर्च कर ज़्यादा विकेट निकालते हैं।
उनके प्रदर्शन में यह अंतर उन्हें एक लीडिंग पेसर के रूप में साबित करता है।
सिराज का टेस्ट करियर: अब तक की झलक
- डेब्यू: 2020 बनाम ऑस्ट्रेलिया
- टेस्ट मैच: 38
- कुल विकेट: 108
- गेंदबाजी औसत: 30.71
- 5 विकेट हॉल: 4 बार
बुमराह की अनुपस्थिति में सिराज ने खुद को लीड पेसर की भूमिका में फिट किया है। उन्होंने ये दिखा दिया है कि वे अकेले भी टेस्ट मैच का रुख बदल सकते हैं।
पहले टेस्ट में सिराज की आलोचना
पहले टेस्ट में सिराज ने सिर्फ 2 विकेट लिए, जबकि बुमराह ने 5 विकेट लेकर सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद सिराज को लेकर कहा गया कि वे बुमराह के साथ केवल “साइड हीरो” की भूमिका निभाते हैं। लेकिन बर्मिंघम टेस्ट ने इस सोच को पलट दिया।
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सिराज का अगला कदम क्या?
मोहम्मद सिराज का यह रिकॉर्ड बताता है कि वे अकेले दम पर किसी भी टीम को ध्वस्त करने की क्षमता रखते हैं। खासकर जब टीम को बुमराह की कमी खल रही हो, तब सिराज जैसे गेंदबाज ही गेम चेंजर साबित होते हैं।