बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल आया है। देश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना को अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने अदालत की अवमानना (Contempt of Court) के मामले में 6 महीने की सजा सुनाई है। यह फैसला बुधवार को ढाका में सुनाया गया।
कौन-कौन था इस फैसले में शामिल?
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, यह सजा तीन सदस्यीय पीठ ने सुनाई, जिसकी अध्यक्षता जस्टिस मोहम्मद गोलाम मोर्तुजा मोजुमदार ने की।
इसी मामले में एक और व्यक्ति को भी सजा
रिपोर्ट के मुताबिक, इसी मामले में गाइবান्धा के गोबिंदगंज निवासी शकील अकंद बुलबुल को भी दो महीने की सजा सुनाई गई है।
हसीना पर मानवता के खिलाफ अपराध का आरोप
गौरतलब है कि जून 2025 में अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल ने शेख हसीना पर आधिकारिक रूप से मानवता के खिलाफ अपराध (Crimes Against Humanity) का आरोप तय किया था।
क्या है मामला?
ICT के मुख्य अभियोजक मोहम्मद ताजुल इस्लाम ने आरोप लगाया था कि हसीना ने पिछले साल अपनी सरकार के खिलाफ हुए देशव्यापी प्रदर्शनों के दौरान “व्यवस्थित हमले” की योजना बनाई थी।
UN रिपोर्ट के आंकड़े
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (UN Rights Office) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 15 जुलाई से 15 अगस्त 2024 के बीच देश में हुई हिंसा में करीब 1,400 लोगों की मौत हुई थी।
हसीना ने सभी आरोपों को नकारा
शेख हसीना ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनके वकील अमीर हुसैन के अनुसार, हसीना का कहना है कि वह इन आरोपों से खुद को बरी कराने के लिए मजबूत कानूनी दलीलें पेश करेंगी।
भारत में रह रहीं हैं शेख हसीना
आपको बता दें कि अगस्त 2024 में अवामी लीग सरकार के पतन के बाद शेख हसीना भारत आई थीं। वर्तमान में वह नई दिल्ली के एक सुरक्षित स्थान पर रह रही हैं।
यह मामला क्यों है महत्वपूर्ण?
- शेख हसीना बांग्लादेश की सबसे प्रभावशाली नेताओं में रही हैं।
- उनके खिलाफ पहला आधिकारिक फैसला आया है, जो राजनीतिक माहौल में हलचल ला सकता है।
- देश में पहले ही राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है, ऐसे में यह फैसला नए समीकरण बना सकता है।
निष्कर्ष
शेख हसीना पर लगे गंभीर आरोपों और अब मिली सजा ने बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा मोड़ ला दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि हसीना अपने खिलाफ लगे आरोपों से कैसे निपटती हैं और बांग्लादेश की राजनीतिक दिशा क्या होती है।