BY: Yoganand Shrivastava
ग्वालियर – दुष्कर्म के मामले में आरोपी ग्वालियर के पूर्व तहसीलदार शत्रुघन सिंह चौहान को बुधवार को अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने उन्हें पहले ही सोमवार को जिला अदालत में सरेंडर के बाद गिरफ्तार किया था और दो दिन की रिमांड पर लिया था, जो अब पूरी हो चुकी है।
फरारी के दौरान किया कुंभ स्नान और चारधाम यात्रा
पुलिस पूछताछ में चौहान ने बताया कि गिरफ्तारी से बचने के दौरान उन्होंने प्रयागराज में कुंभ स्नान किया और उसके बाद चारधाम यात्रा पर भी गए। इसी दौरान वे लगातार अग्रिम जमानत के लिए कोशिशें करते रहे, हालांकि उन्हें किसी भी कोर्ट से राहत नहीं मिली।
DNA सैंपल भी लिया गया
पुलिस ने इस दौरान उनका DNA सैंपल भी लिया। जब इस पर कानूनी प्रक्रिया को लेकर सवाल उठे, तो महिला थाना प्रभारी रश्मि भदौरिया ने स्पष्ट किया कि चूंकि आरोपी पुलिस हिरासत में है और मामला दुष्कर्म से जुड़ा है, इसलिए कोर्ट की अनुमति की आवश्यकता नहीं थी। जेल में होने की स्थिति में अनुमति लेना ज़रूरी होता।
क्या है पूरा मामला?
15 जनवरी 2025 को एक 34 वर्षीय महिला ने शत्रुघन सिंह चौहान के खिलाफ शादी का झांसा देकर लंबे समय तक यौन शोषण करने का आरोप लगाया था। पीड़िता के अनुसार, चौहान ने 2008 से लेकर 2025 तक उसे पत्नी के रूप में रखा और बार-बार उसका शोषण करता रहा।
2008 में जबरन संबंध और झूठी शादी
महिला का दावा है कि 2008 में भिंड के मानगढ़ गांव में चौहान ने उसके साथ पहली बार जबरन संबंध बनाए और शादी का झांसा दिया। उसी साल वह नायब तहसीलदार बने और फिर जहां भी पोस्टिंग मिली, वहां महिला को अपने साथ रखा।
पीड़िता के अनुसार, 2010 में रतनगढ़ माता मंदिर में सिंदूर भरकर शादी का नाटक भी किया गया। 2014 में एक बेटा हुआ, जिसे वह चौहान का पुत्र बताती है। बाद में महिला को पता चला कि आरोपी पहले से तीन बार शादी कर चुका है। इस खुलासे के बाद दोनों के बीच विवाद गहरा गया।
पुलिस का बयान और अगली कार्रवाई
पुलिस ने बताया कि रिमांड के दौरान पूछताछ पूरी हो चुकी है, इसलिए अब आगे रिमांड की आवश्यकता नहीं है। चौहान को बुधवार को फिर से कोर्ट में पेश किया गया।
FIR दर्ज होने के बाद चौहान पर ₹5,000 का इनाम भी घोषित किया गया था। उनकी फरारी के लगभग साढ़े पांच महीने बाद उन्होंने खुद कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। पूछताछ में उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को निराधार और झूठा बताया है।
इस पूरे मामले ने प्रशासन और कानून व्यवस्था दोनों के लिए कई सवाल खड़े किए हैं। एक तरफ महिला गंभीर आरोप लगा रही है, वहीं आरोपी खुद को बेगुनाह बता रहा है। पुलिस ने DNA नमूने समेत कई सबूत इकट्ठा किए हैं और अब मामला कोर्ट के निर्णय की ओर बढ़ रहा है।