BY: Yoganand Shrivastva
बेंगलुरु, कर्नाटक के हासन जिले में अचानक दिल के दौरे से हो रही मौतों ने चिंता बढ़ा दी है। बीते एक महीने में यहां 18 लोगों की जान हार्ट अटैक के कारण जा चुकी है, जिनमें से अधिकांश की उम्र 45 वर्ष से कम है। कुछ पीड़ित तो केवल 18 से 40 वर्ष की उम्र के युवा थे। राज्य सरकार ने इन मौतों को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री का बयान
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडू राव ने इस गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सोमवार को X (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर जानकारी दी कि उन्होंने ‘जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेज एंड रिसर्च’ के विशेषज्ञों की एक टीम को इस मामले की अध्ययन रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं। यह रिपोर्ट 10 दिनों के भीतर पेश की जाएगी।
युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक पर सरकार सख्त
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार पहले से ही ‘पुनीत राजकुमार हृदय ज्योति’ योजना चला रही है, जिसका उद्देश्य हृदय रोगों की पहचान और रोकथाम है। लेकिन हाल ही में युवाओं में अचानक दिल के दौरे के मामलों ने नई चिंता खड़ी कर दी है।
बदलती जीवनशैली या कुछ और?
विशेषज्ञों का मानना है कि अनियमित दिनचर्या, गलत खानपान, तनाव, और नॉन-कम्युनिकेबल डिजीज़ (गैर-संक्रामक रोग) दिल की बीमारियों के मुख्य कारण हो सकते हैं। हालांकि हासन जिले में सामने आई मौतों की संख्या और उम्र के पैटर्न ने जांच की आवश्यकता को और अधिक जरूरी बना दिया है।
हार्ट अटैक: क्या होता है और कैसे पहचानें?
हार्ट अटैक (मायोकार्डियल इंफार्क्शन) तब होता है जब हृदय को खून पहुंचाने वाली कोरोनरी आर्टरी किसी रुकावट के कारण बंद हो जाती है। यह रुकावट कोलेस्ट्रॉल या ब्लड क्लॉट के कारण हो सकती है, जिससे दिल की मांसपेशियों को ऑक्सीजन नहीं मिलती और वे क्षतिग्रस्त होने लगती हैं।
मुख्य लक्षण:
- सीने में दबाव या तेज दर्द
- बाएं हाथ, जबड़े, पीठ या गर्दन में दर्द
- सांस लेने में कठिनाई
- अत्यधिक पसीना आना
- चक्कर या मतली महसूस होना
अगर इन लक्षणों में से कोई दिखाई दे, तो तुरंत मेडिकल सहायता लेना जरूरी है। समय पर इलाज न मिलने पर यह स्थिति जानलेवा हो सकती है।
हासन जिले में लगातार हो रही हार्ट अटैक से मौतों ने एक गंभीर सवाल खड़ा कर दिया है — क्या युवाओं का दिल अब खतरे में है? राज्य सरकार की पहल और विशेषज्ञों की रिपोर्ट आने के बाद ही इसका कारण स्पष्ट हो सकेगा। लेकिन तब तक जरूरी है कि हम अपने स्वास्थ्य, आहार, और तनाव प्रबंधन पर खास ध्यान दें।