BY: Yoganand Shrivastva
ग्वालियर, मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में लंबे समय से खाली पड़े जजों के पदों को भरने की दिशा में अहम पहल की गई है। राज्य से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को 13 नामों की सिफारिश भेजी गई है, जिन पर अंतिम निर्णय अब सर्वोच्च न्यायालय का कॉलेजियम लेगा। इन नामों में 8 वरिष्ठ वकील और 5 न्यायिक अधिकारी शामिल हैं।
फिलहाल स्थिति क्या है?
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में स्वीकृत जजों की संख्या 53 है। वर्तमान में 30 जून 2025 को जस्टिस संजय द्विवेदी के रिटायरमेंट के बाद यह संख्या घटकर 33 रह गई है, यानी 20 पद रिक्त हैं।
आने वाले समय में और रिटायरमेंट
- 9 अगस्त 2025: जस्टिस दिनेश कुमार पालीवाल रिटायर होंगे
- 13 अगस्त 2025: जस्टिस पीएन सिंह सेवानिवृत्त होंगे
- 25 दिसंबर 2025: जस्टिस अचल कुमार पालीवाल का कार्यकाल समाप्त
- 15 मार्च 2026: जस्टिस अनिल वर्मा रिटायर होंगे
इन आगामी रिटायरमेंट के चलते हाईकोर्ट में जजों की कमी और भी गंभीर हो सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से स्वीकृति मिलने पर स्थिति में काफी सुधार आ सकता है।
किसके नाम भेजे गए हैं?
वकील कोटा से (Bar Quota):
- मणिकांत शर्मा
- पुष्पेंद्र यादव
- जय कुमार पिल्लई (जबलपुर)
- निधि पाटनकर
- अजय निरंकारी
- अमित लाहोटी (ग्वालियर)
- आनंद सिंह
- हिमांशु जोशी (इंदौर)
न्यायिक सेवा से (Judicial Quota):
- राजेश कुमार गुप्ता
- आलोक अवस्थी
- राजेश चंद्र सिंह बिसेन
- बीपी शर्मा
- प्रदीप मित्तल
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया की गति बनाए रखने और लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे के लिए जजों की नियुक्ति बेहद जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम से स्वीकृति मिलते ही हाईकोर्ट को नई ऊर्जा मिलेगी और न्याय व्यवस्था और मजबूत होगी।