ज़ेरोधा के को-फाउंडर निखिल कामत ने हाल ही में एक बड़ा बयान दिया है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है। उन्होंने वर्ल्ड इकनॉमिक फोरम (WEF) की ‘फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025’ का हवाला देते हुए कहा कि अब सिर्फ 4 साल की डिग्री से काम नहीं चलेगा।
निखिल कामत ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा:
“चार साल की डिग्री का दौर अब खत्म हो गया है, अब हर किसी के लिए जीवनभर सीखते रहना जरूरी है।”
2030 तक जॉब मार्केट में आएंगे बड़े बदलाव
WEF की रिपोर्ट के मुताबिक:
✔ मशीनें 2030 तक कुल काम का 34% हिस्सा संभालेंगी, जो अभी 22% है।
✔ केवल इंसानों द्वारा किया जाने वाला काम घटकर 33% रह जाएगा।
✔ इंसान और AI मिलकर बाकी काम करेंगे।
✔ 92 मिलियन जॉब्स खत्म हो सकती हैं, लेकिन 170 मिलियन नई नौकरियां भी बनेंगी।
लेकिन इसका फायदा सिर्फ उन्हीं लोगों को मिलेगा जो लगातार नई स्किल्स सीखने को तैयार हैं।
किन स्किल्स की होगी सबसे ज्यादा डिमांड?
कामत ने सवाल उठाया, “आने वाले 10 साल में कौन सी नौकरियां प्रासंगिक रहेंगी?” इसका जवाब WEF की रिपोर्ट में छिपा है:
- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)
- डेटा एनालिटिक्स
- साइबर सिक्योरिटी
- क्रिएटिव थिंकिंग
- पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी स्किल्स
रिपोर्ट के अनुसार:
✅ 77% कंपनियां अपने कर्मचारियों को री-स्किल करेंगी।
✅ 69% कंपनियां AI एक्सपर्ट्स की भर्ती करेंगी।
✅ 41% कंपनियां ऐसे कामों में कटौती करेंगी, जिन्हें आसानी से ऑटोमेट किया जा सकता है।
नई जॉब्स, नई चुनौतियां
जॉब मार्केट में बदलाव केवल संख्या का नहीं, ढांचे का भी है:
✔ ग्रीन एनर्जी के क्षेत्र में 3.4 करोड़ से ज्यादा नौकरियां बनेंगी।
✔ ई-कॉमर्स के कारण सॉफ्टवेयर डेवलपर और डिलीवरी वर्कर्स की डिमांड बढ़ेगी।
⛔ जबकि कैशियर, क्लर्क और सेक्रेटरी जैसी पारंपरिक नौकरियां धीरे-धीरे खत्म हो रही हैं।
हालांकि कंपनियां कर्मचारियों को स्किल्स सिखाना चाहती हैं, लेकिन केवल 59% कर्मचारियों को ही जरूरी ट्रेनिंग मिल पाएगी।
हायरिंग में अब डाइवर्सिटी भी जरूरी
भारत में 95% कंपनियों ने माना है कि अब हायरिंग में डाइवर्सिटी, इक्विटी और इनक्लूजन (DEI) को अहमियत दी जाती है।
वैश्विक स्तर पर महिलाएं, दिव्यांगजन और जेनरेशन Z हायरिंग में प्राथमिकता बन रहे हैं।
लेकिन चुनौतियां भी हैं:
🔸 38% कंपनियों को शक है कि उम्मीदवारों के पास सही स्किल्स हैं या नहीं।
🔸 वहीं, 75% कंपनियों को भरोसा है कि वे मौजूदा कर्मचारियों की स्किल्स बेहतर बना सकती हैं।
ऑनलाइन रिएक्शन: मिला मिला-जुला रिस्पॉन्स
कामत के बयान पर सोशल मीडिया पर खूब चर्चा हुई:
💬 कई लोगों ने कहा कि AI पुरानी नौकरियां खत्म करेगा लेकिन नई भी लाएगा।
💬 कुछ लोगों ने शॉर्ट ऑनलाइन कोर्सेज को सतही बताते हुए डिग्री सिस्टम में सुधार की सलाह दी।
💬 वहीं कुछ ने कहा कि हर कोई सेल्फ-लर्निंग के दम पर सफल नहीं हो सकता।
सीधा संदेश: जो नहीं बदलेगा, वो पीछे छूट जाएगा
कामत का साफ संदेश है:
“अगर आप बदलाव के लिए तैयार नहीं हैं, तो आप पीछे छूट जाएंगे।”
भविष्य की नौकरी सिर्फ डिग्री पर नहीं, बल्कि आपकी सीखने की गति और नई स्किल्स अपनाने की क्षमता पर टिकी होगी।
युवाओं के लिए खास टिप्स
✔ 4 साल की डिग्री जरूरी है, लेकिन अब अकेली काफी नहीं।
✔ लगातार खुद को अपडेट करते रहें।
✔ AI, डेटा एनालिटिक्स, ग्रीन जॉब्स और क्रिएटिव स्किल्स सीखें।
✔ नई सोच, नई तकनीक और नई जिम्मेदारियों के लिए तैयार रहें।