संवाददाता – विष्णु गौतम
एक ओर तारीफ, दूसरी ओर तंज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्ष के कार्यकाल को लेकर देशभर में जहां भारतीय जनता पार्टी इसे “विकास के अमृत काल” के रूप में मना रही है, वहीं विपक्ष सरकार की नीतियों को लेकर हमलावर है। इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने रविवार को भिलाई स्थित एक निजी होटल में आयोजित प्रेसवार्ता में केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों को गिनाया।
टंकराम वर्मा ने गिनाईं उपलब्धियां, बोले – “मोदी ने दी समावेशी विकास की दिशा”
मंत्री टंकराम वर्मा ने प्रधानमंत्री की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी ने देश को समावेशी विकास की नई दिशा दी है। उनके अनुसार, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में समाज के हर वर्ग तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुँचा है।
राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए वर्मा ने बताया:
किसानों को बकाया बोनस का भुगतान किया गया।
एक एकड़ पर अधिकतम 21 क्विंटल तक धान की खरीदी की गई।
3100 रुपये प्रति क्विंटल का समर्थन मूल्य तय किया गया।
149 लाख मीट्रिक टन धान की रिकॉर्ड खरीदी हुई।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 26 लाख घरों का निर्माण हो चुका है।
खेल क्षेत्र में भी बड़ी घोषणाएं
खेल मंत्री ने आगामी ओलंपिक को लेकर भी महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
गोल्ड मेडल विजेता को 3 करोड़,
सिल्वर विजेता को 2 करोड़,
ब्रॉन्ज मेडल विजेता को 1 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा।
नए कोचों की भर्ती और बस्तर ओलंपिक जैसे आयोजन किए जाएंगे।
इस मौके पर दुर्ग सांसद विजय बघेल, वैशाली नगर विधायक रिकेश सेन, अहिवारा विधायक डोमनलाल कोर्सेवाड़ा समेत भाजपा के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
देवेंद्र यादव का पलटवार – “भाषण ही शासन” मोदी जी का नारा है
वहीं दूसरी ओर, भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव ने वर्मा की प्रेसवार्ता पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा सिर्फ भाषण देती है, शासन नहीं चलाती। उन्होंने कहा कि टंकराम वर्मा जब ओएसडी थे, तब भी उन्होंने कोई ठोस काम नहीं किया, और अब भी सिर्फ बातें ही कर रहे हैं।
यादव ने आरोप लगाया कि:
खिलाड़ियों की ज़मीनी ज़रूरतें अभी भी पूरी नहीं हो पा रही हैं।
खेल प्रतिभाओं को जरूरी संसाधन नहीं मिल रहे।
राज्य में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार शाब्दिक विकास में लगी है।
सियासी तकरार के बीच जनता का फोकस – ज़मीनी सच्चाई
इस मुद्दे को लेकर छत्तीसगढ़ की सियासत में गर्मी बढ़ गई है। एक ओर भाजपा केंद्र और राज्य की नीतियों को विकासोन्मुखी बता रही है, तो दूसरी ओर कांग्रेस इन दावों को कागज़ी और खोखला बताकर सरकार को घेरने में लगी है।
अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में जनता किस पक्ष को अधिक भरोसेमंद मानती है – दावों की चमक या विपक्ष के सवाल।