भोपाल, मध्य प्रदेश:
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एजाज खान को सोशल मीडिया के जरिए जान से मारने की धमकी मिली है। धमकी में साफ तौर पर कहा गया है कि यदि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) नहीं छोड़ी, तो उनका ‘सिर तन से जुदा’ कर दिया जाएगा। यह मामला तेजी से सुर्खियों में है और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच चिंता का विषय बन गया है।
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📌 धमकी कब और कैसे मिली?
- एजाज खान ने बताया कि उन्हें 13 मई 2025 से लगातार धमकियां मिल रही थीं।
- 10 जून को अंतिम बार धमकी मिलने के बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
- शिकायत टीला जमालपुरा थाने में दर्ज की गई है।
- पुलिस ने मामला दर्ज कर साइबर सेल की मदद से जांच शुरू कर दी है।
🧾 धमकी का स्रोत: सोशल मीडिया अकाउंट से मिली चेतावनी
- धमकी ‘सुभी खान’ नामक एक सोशल मीडिया अकाउंट से दी गई।
- धमकी में स्पष्ट लिखा गया था – “भाजपा छोड़ दो, वरना सिर तन से जुदा कर दिया जाएगा।”
- यह धमकी फेसबुक के जरिए दी गई और उसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
🕵️♂️ पुलिस और साइबर सेल की कार्रवाई
- मध्य प्रदेश साइबर सेल ने संदिग्ध आरोपी की पहचान कर ली है।
- पुलिस का दावा है कि जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
- आरोपी की लोकेशन और डिजिटल फुटप्रिंट्स पर काम किया जा रहा है।
🚨 15 जून को सिवनी दौरा – खतरे की आशंका
- एजाज खान ने बताया कि वे 15 जून को सिवनी दौरे पर जा रहे हैं।
- ऐसे में उन्हें अपनी जान को गंभीर खतरा महसूस हो रहा है।
- उन्होंने सुरक्षा की मांग करते हुए प्रशासन को अलर्ट किया है।
📲 सोशल मीडिया पर नेताओं को धमकी: एक बढ़ती समस्या
इस घटना ने एक बार फिर इस सवाल को जन्म दिया है कि:
- क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नफरत और धमकी को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय हैं?
- क्या राजनीतिक विचारों के कारण किसी की जान को खतरा होना उचित है?
⚖️ भाजपा का रुख और सुरक्षा की मांग
भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लोकतंत्र पर हमला बताया है और सरकार से मांग की है कि:
- आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।
- भाजपा नेताओं को सुरक्षा प्रदान की जाए।
- सोशल मीडिया पर फैले कट्टरपंथी विचारों पर नकेल कसी जाए।
📣 निष्कर्ष: एजाज खान मामला लोकतांत्रिक सुरक्षा पर एक सवाल
एजाज खान को दी गई धमकी सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों और विचारों की स्वतंत्रता पर भी खतरा है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई जरूरी है ताकि ऐसा कोई भी व्यक्ति, जो डिजिटल माध्यमों से डर फैलाता है, कानून के शिकंजे से न बच पाए।