रायगढ़, भूपेंद्र रायगढ़ — रायगढ़ जिले में शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर प्रशासन ने एक ठोस कदम उठाया है। इस प्रक्रिया के तहत नगरीय क्षेत्रों में जहां अपेक्षाकृत अधिक शिक्षक पदस्थ हैं, वहीं ग्रामीण और दूरस्थ अंचलों की शालाओं में शिक्षकों की कमी को दूर करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
शिक्षकों की जरूरत जहां, वहीं नियुक्ति
ग्रामीण क्षेत्रों में गणित, भौतिकी, रसायन और जीवविज्ञान जैसे विषयों के विशेषज्ञ शिक्षकों की भारी कमी रही है। इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। राज्य सरकार द्वारा लिए गए युक्तियुक्तकरण के निर्णय से अब इन क्षेत्रों में विषय विशेषज्ञ उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि होगी।
रायगढ़ की स्थिति पर एक नजर
जिले की 21 प्राथमिक और 2 पूर्व माध्यमिक शालाएं शिक्षकविहीन थीं।
267 प्राथमिक और 18 पूर्व माध्यमिक शालाएं एकल शिक्षक व्यवस्था में चल रही थीं।
702 प्राथमिक और 154 पूर्व माध्यमिक शिक्षक जिले में अतिशेष हैं।
अब इन शिक्षकों का समायोजन करते हुए 7 शालाओं का पुनर्गठन किया जा रहा है। 553 स्कूलों में से 497 स्कूल यथावत संचालित होंगे, जबकि केवल उन स्कूलों का समायोजन होगा जहां छात्र संख्या बेहद कम है और पास में बेहतर विकल्प उपलब्ध हैं।
बच्चों को मिलेगा फायदा
युक्तियुक्तकरण से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और पढ़ाई में निरंतरता मिलेगी। इससे लगभग 90% छात्रों को बार-बार प्रवेश प्रक्रिया से राहत मिलेगी।
शिक्षकों की पदस्थापना पूरी, शिक्षा सत्र सुचारू
पामगढ़, छोटेमुड़पार, महलोई और खरसिया जैसे स्कूलों में शिक्षकों की वर्षों से प्रतीक्षित नियुक्ति अब पूरी कर ली गई है। युक्तियुक्तकरण से अब सभी विद्यालयों में शिक्षकों की समुचित व्यवस्था हो चुकी है। आगामी शिक्षा सत्र से पढ़ाई बाधित नहीं होगी और छात्रों को बेहतर माहौल मिलेगा।
यह कदम शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप उठाया गया है, जिससे छात्र-शिक्षक अनुपात को संतुलित करते हुए सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।