आगरा के थाना सिकंदरा क्षेत्र के गांव नगला नाथू में यमुना नदी में डूबने से छह किशोरियों की मौत हो गई। यह घटना तीन सगी बहनों सहित छह नाबालिग लड़कियों की जान ले गई, जिनमें कई रिश्तेदार भी शामिल थीं।
इस हादसे के समय बच्चियों के साथ उनकी रिश्तेदार वर्षा भी वहां मौजूद थीं। वर्षा ने बार-बार उन्हें नदी के गहरे हिस्से में जाने से रोकने की कोशिश की, लेकिन वह अपनी बात नहीं सुन पाईं। वह अब भी इस हादसे के सदमे में हैं और खुद को कोसती हैं कि क्यों उन्हें रोक नहीं पाईं।
वर्षा की दर्दभरी दास्तान: आंखों के सामने डूबती बच्चियां
वर्षा ने बताया कि वह अपने छह साल के बेटे के साथ यमुना किनारे गई थीं। वहां किशोरियों ने नहाने की जिद की, जबकि वह बार-बार मना करती रहीं कि कल भी नहाई थी। लेकिन बच्चियां नदी में दूर तक चली गईं।
वर्षा के अनुसार, नदी के तेज बहाव और गहरे गड्ढों के कारण वे फिसल गईं और डूब गईं। उसने जोर-जोर से चिल्लाया, पर बच्चियां डूबती रहीं। उसकी आंखों के सामने उसकी तीन भतीजियां, बहन की बेटी, बहन और एक और रिश्तेदार डूब गईं।
यमुना नदी के किनारे डूबने की घटनाएं क्यों बढ़ रही हैं?
आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में यमुना नदी के कई ऐसे घाट हैं जहां डूबने की घटनाएं अक्सर होती हैं। प्रमुख घाट हैं:
- कैलाश घाट
- शनिदेव मंदिर घाट, रुनकता
- ककरैठा और बाईंपुर
- ट्रांस यमुना के शोभा नगर
- एत्माद्दौला के नगला बिहारी, प्रकाश नगर, रामबाग पार्क
- स्ट्रैची ब्रिज
- चीनी का रोजा
- 11 सीढ़ी
- खंदौली के पोइया घाट, बल्केश्वर, यमुना किनारा
इन इलाकों में नदी गहरी होने के कारण डूबने का खतरा अधिक है।
यमुना में गहरे गड्ढे और खनन का खतरा
स्थानीय लोगों का कहना है कि यमुना में खनन के कारण नदी में गहरे गड्ढे बन गए हैं, जो नहाने वालों के लिए खतरा बन गए हैं। ये गड्ढे अक्सर नजर नहीं आते और लोग बिना समझे इन गहराइयों में चले जाते हैं।
सरकारी अधिकारियों की ओर से भी सुरक्षा उपाय केवल त्योहारों और विशेष आयोजनों के दौरान ही घाटों पर रस्सी और बैली लगाने तक सीमित रहते हैं। ग्रामीण इलाकों में यमुना के किनारे पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम नहीं होते, जिससे ऐसी घटनाएं बार-बार हो रही हैं।
सुरक्षा के लिए क्या किया जा सकता है?
- यमुना के किनारों पर नियमित और सख्त सुरक्षा इंतजाम किए जाएं।
- गहरे गड्ढों को चिन्हित कर उन्हें बंद करने के उपाय किए जाएं।
- स्थानीय लोगों और पर्यटकों को नदी में नहाने के खतरे के प्रति जागरूक किया जाए।
- स्कूलों में बच्चों को नदी सुरक्षा के बारे में विशेष शिक्षा दी जाए।
- पुलिस और वन विभाग के द्वारा घाटों पर निरंतर निगरानी बढ़ाई जाए।
यमुना नदी में डूबने वाली यह दुखद घटना आगरा के सिकंदरा क्षेत्र में सुरक्षा के गंभीर अभाव को उजागर करती है। बच्चियों की जान जाने वाला यह हादसा एक बड़ी चेतावनी है कि हमें नदियों के किनारे सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी।
रिश्तेदार वर्षा का दर्द, जो अपने बेटे और बहनों के बच्चों के साथ थी, यह बताता है कि हर परिवार पर इस त्रासदी का गहरा असर पड़ता है। हम सभी को मिलकर ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए कदम उठाने होंगे।