मथुरा न्यूज (Mathura News): उत्तर प्रदेश के मथुरा में प्रस्तावित बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जहां एक ओर गोस्वामी समाज इसका विरोध कर रहा है, वहीं दूसरी ओर मथुरा की सांसद और बॉलीवुड अभिनेत्री हेमा मालिनी ने इस मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखते हुए जनता से अपील की है।
उन्होंने कॉरिडोर को वृंदावन की आवश्यकता बताते हुए कहा कि अगर यह प्रोजेक्ट अभी नहीं बना, तो फिर कभी नहीं बन पाएगा।
📢 हेमा मालिनी की अपील: “अब नहीं बना तो फिर कभी नहीं बनेगा कॉरिडोर”
सांसद हेमा मालिनी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि बांके बिहारी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, जिससे मंदिर परिसर में भीड़ और अव्यवस्था का माहौल बन जाता है। उन्होंने कहा:
“वृंदावन कॉरिडोर श्रद्धालुओं की सुविधा और मंदिर की गरिमा के लिए जरूरी है। अगर यह आज नहीं बना, तो भविष्य में ऐसी कोई योजना संभव नहीं हो पाएगी।”
✋ गोस्वामी समाज क्यों कर रहा है विरोध?
- गोस्वामी समाज का कहना है कि यह परियोजना उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन है।
- उनका मानना है कि कॉरिडोर निर्माण से परंपराएं और पुराना स्वरूप प्रभावित होगा।
- वे इसे अपने अधिकारों पर हमला बता रहे हैं।
💬 सरकार देगी मुआवजा और पुनर्वास की गारंटी
सांसद हेमा मालिनी ने जनता को भरोसा दिलाते हुए कहा:
- जिनकी दुकानें या मकान प्रभावित होंगे, उन्हें उचित मुआवजा मिलेगा।
- किरायेदारों को भी मुआवजा मिलेगा।
- दुकान के बदले दुकान दी जाएगी।
- कॉरिडोर क्षेत्र में मौजूद पुराने मंदिरों को संरक्षित रखा जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को कोई समस्या है, तो वह प्रशासन से संपर्क कर सकता है, और उसकी शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी।
🏨 पर्यटन और स्थानीय व्यापार को मिलेगा बढ़ावा
हेमा मालिनी ने कहा कि कॉरिडोर बनने से न केवल मंदिर में व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि:
- पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा
- स्थानीय व्यापारी, होटल व्यवसायी और सामान्य नागरिकों को लाभ होगा
- रोजगार के नए अवसर बनेंगे
⚖ सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी से मिली राहत
सांसद ने खुशी जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट से कॉरिडोर निर्माण की अनुमति मिलना एक बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि लंबे समय से भक्तों को दर्शन में परेशानी हो रही थी, और भीड़भाड़ के कारण कई बार हादसे भी हुए हैं।
“मैं खुद कई बार इन घटनाओं से आहत हुई हूं, यह कॉरिडोर उन समस्याओं का स्थायी समाधान है।”
📌 निष्कर्ष: क्या बनेगा समाधान?
वृंदावन कॉरिडोर अब सिर्फ एक विकास परियोजना नहीं, बल्कि धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक बहस का केंद्र बन गया है। हेमा मालिनी के बयान से साफ है कि सरकार इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर है और जनता की भावनाओं का भी सम्मान करना चाहती है।
आगे देखने वाली बात होगी कि गोस्वामी समाज और सरकार इस विवाद को मिल-बैठकर कैसे हल करते हैं।