कर्नाटक में अभिनेत्री रान्या राव के गोल्ड स्मगलिंग मामले ने राजनीतिक उठापटक को तेज़ कर दिया है। केंद्रीय इस्पात और भारी उद्योग मंत्री HD कुमारस्वामी ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के अंदरूनी विवाद के तहत कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर को फंसाने की साजिश रची जा रही है। यह मामला मुख्यमंत्री पद की दौड़ में चल रही गहरी राजनीति को उजागर करता है और केंद्रीय जांच एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल पर सवाल खड़े करता है।
HD कुमारस्वामी के आरोप: साजिश या सत्ता की लड़ाई?
नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कुमारस्वामी ने कहा कि एक “मजबूत कांग्रेस नेता” डॉ. परमेश्वर को रान्या राव गोल्ड स्मगलिंग मामले में फंसाने के पीछे है। उनके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
- मुख्यमंत्री सिद्धरामैया को हटाने की साजिश: यह साजिश मुख्यमंत्री पद पर कब्ज़ा करने के लिए रची गई है।
- अभिनेत्री की गिरफ्तारी में मदद: शक्तिशाली नेता ने कस्टम अधिकारियों को सूचना दी थी जिससे रान्या राव को बैंगलुरु एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया।
- परमेश्वर को निशाना बनाया गया: क्योंकि वे भी मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं।
- ED की छापेमारी: हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने परमेश्वर से जुड़े शैक्षणिक संस्थानों पर छापा मारा।
कुमारस्वामी ने कहा कि साजिश का असली मकसद दलित नेतृत्व को दबाना और कांग्रेस के एक अन्य नेता को मुख्यमंत्री पद पर लाना है।
डिप्टी सीएम DK शिवकुमार का जवाब: कुमारस्वामी पर तंज
डिप्टी मुख्यमंत्री DK शिवकुमार ने इस आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कुमारस्वामी की मानसिक स्थिरता पर सवाल उठाए। विजयपुरा में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा:
- कुमारस्वामी “लगातार झूठ बोलने वाले” हैं।
- उन्होंने कहा कि कुमारस्वामी की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है।
- यह बयान कर्नाटक कांग्रेस में गहरे अंतरिक मतभेदों को दर्शाता है।
कांग्रेस के अंदर सत्ता संघर्ष: दलित नेतृत्व की भूमिका
कुमारस्वामी ने बताया कि डॉ. परमेश्वर द्वारा दलित सम्मेलन आयोजित करने और राष्ट्रीय नेतृत्व से संपर्क बढ़ाने की कोशिशें ही विरोध की जड़ हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि:
- गोल्ड स्मगलिंग मामला राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
- कांग्रेस के कुछ गुट केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रहे हैं।
- खुफिया विभाग जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता है, शायद इस मामले से वाकिफ था।
रामनगर जिले का नाम बदलने को लेकर विवाद
कुमारस्वामी ने रामनगर जिले का नाम बदलकर ‘बेंगलुरु साउथ’ करने के फैसले पर भी सवाल उठाए। उनके अनुसार:
- यह कदम DK शिवकुमार की अपनी जमीन की कीमत बढ़ाने के लिए था।
- यह निर्णय भविष्य में उलटा भी जा सकता है।
- उन्होंने मुख्यमंत्री पर ढोंग करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे दलितों के हितों की बात करते हैं लेकिन उनके नजदीक जमीन हड़पने वाले लोग हैं।
मुख्यमंत्री सिद्धरामैया का बयान: छापेमारी राजनीतिक नहीं होनी चाहिए
मिस्सूरू से मुख्यमंत्री ने कहा:
- कालेधन के खिलाफ छापेमारी जरूरी है, लेकिन इसका राजनीतिक विरोध के लिए इस्तेमाल गलत है।
- उन्होंने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की ED की आलोचना की पूरी जानकारी नहीं रखते, पर एजेंसियां भ्रष्टाचार रोकने के लिए हैं, न कि राजनीतिक वाद-विवाद के लिए।
कर्नाटक की राजनीति पर इसका क्या असर होगा?
यह विवाद स्पष्ट करता है कि कांग्रेस के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर गहरा मतभेद है। गोल्ड स्मगलिंग मामला सिर्फ एक कानूनी मसला नहीं रह गया है, बल्कि:
- कांग्रेस के अंदर नेतृत्व की लड़ाई बन गया है।
- केंद्रीय जांच एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
- दलित नेतृत्व का महत्व और उससे जुड़ी राजनीति उभर कर सामने आई है।
- प्रशासनिक फैसलों का व्यक्तिगत लाभ के लिए उपयोग होने की आशंका है।
प्रमुख बातें जो आपको जाननी चाहिए
- HD कुमारस्वामी ने एक शक्तिशाली कांग्रेस नेता पर डॉ. परमेश्वर को फंसाने का आरोप लगाया।
- डिप्टी सीएम DK शिवकुमार ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया।
- ED की छापेमारी ने राजनीतिक उठापटक को बढ़ा दिया है।
- कुमारस्वामी ने कांग्रेस के भीतर सत्ता संघर्ष और खुफिया रिपोर्ट के दुरुपयोग की बात कही।
- मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने जांच एजेंसियों के राजनीतिक इस्तेमाल का विरोध किया।
- रामनगर जिले का नाम बदलने पर भी विवाद गहराया है।