रिपोर्टर: सुनील कुमार ठाकुर
मिट्टी से बना दी गई करोड़ों की लागत वाली नाली!
बलरामपुर: प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों और नालियों का निर्माण कराया जा रहा है ताकि गांवों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं मिल सकें। लेकिन बलरामपुर जिले के कुसमी विकासखंड अंतर्गत ग्राम चटनियां से सबाग मार्ग तक बनाई जा रही नाली में जो हकीकत सामने आई है, उसने शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।
करीब 10 किलोमीटर लंबी इस नाली में सीमेंट, गिट्टी और रेत के बजाय सिर्फ मिट्टी से भराव कर दिया गया है। ऊपर से एक पतली सीमेंट की परत लगाकर इसे मजबूत निर्माण का रूप देने की कोशिश की गई है। लेकिन सच्चाई यह है कि कई जगहों पर नाली का हिस्सा पहले ही टूटने लगा है और दीवारों से मिट्टी झड़ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह निर्माण पूरी तरह से भ्रष्टाचार का उदाहरण है।
स्थानीय ग्रामीणों ने बताया:
“साहब, यहां सीमेंट के नाम पर सिर्फ मिट्टी का काम हो रहा है। ये नाली टिकेगी ही नहीं। अधिकारी आते हैं, फोटो खिंचवाते हैं लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती।”
प्रशासनिक लापरवाही या मिलीभगत?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब PMGSY विभाग के अधिकारी नियमित निरीक्षण करते हैं, तो फिर इतनी बड़ी लापरवाही कैसे नजरअंदाज हो जाती है? क्या यह किसी बड़ी मिलीभगत का संकेत नहीं है?
सरकारी रिकॉर्ड में यह कार्य करोड़ों रुपये की लागत से किया जा रहा है, लेकिन मौके की हकीकत कुछ और ही बयां करती है। इस भ्रष्टाचार में EE, SDO, इंजीनियर सहित पूरे विभाग की जवाबदेही बनती है।
कलेक्टर ने क्या कहा?
जिले के कलेक्टर का कहना है:
“किसी भी प्रकार की घटिया निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जो भी कार्य गुणवत्ता के अनुरूप नहीं होंगे, उन्हें तोड़कर दोबारा कराया जाएगा।”
लेकिन बड़ा सवाल यह है कि कलेक्टर सहित जिले के वरिष्ठ अधिकारी खुद कई बार इस निर्माण का निरीक्षण कर चुके हैं, फिर भी कोई ठोस कार्रवाई अब तक क्यों नहीं हुई?
दोषियों पर कब होगी कार्रवाई?
PMGSY और RES जैसे जिम्मेदार विभागों के अफसरों की ऊंची पहुंच और प्रशासनिक संरक्षण इस भ्रष्टाचार के पीछे की असली वजह बताई जा रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस घोटाले पर क्या कदम उठाता है और क्या दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा।