ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करने पर कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने तुर्की को याद दिलाया कि भारत में 22 करोड़ मुसलमान रहते हैं, जो पाकिस्तान की पूरी आबादी से भी अधिक हैं। ओवैसी ने तुर्की से भारत के साथ उसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को पहचानने और पाकिस्तान के पक्ष में आंख मूंदकर समर्थन न करने का आग्रह किया।
🔹 “भारत में मुसलमानों की संख्या पाकिस्तान से अधिक”
ओवैसी ने कहा:
“पाकिस्तान को इस्लाम का ठेकेदार मानना एक भ्रम है। भारत में 22 करोड़ मुसलमान हैं, जो पाकिस्तान से अधिक हैं, और वे सम्मानपूर्वक रहते हैं। पाकिस्तान का इस्लाम से कोई लेना-देना नहीं है।”
उन्होंने यह भी बताया कि अतीत में तुर्की के उत्तरी क्षेत्रों से हज के लिए यात्री लद्दाख होते हुए मुंबई जाते थे, और लद्दाख में 1990 तक तुर्की भाषा पढ़ाई जाती थी।
🔹 भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ विरोध
‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ विरोध तेज हो गया है:
- शैक्षणिक संबंध समाप्त: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया, मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी (MANUU), लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (LPU), और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों ने तुर्की और अज़रबैजान के साथ अपने शैक्षणिक समझौते रद्द कर दिए हैं।
- व्यापारिक बहिष्कार: गाजियाबाद समेत कई स्थानों पर व्यापारियों ने तुर्की से आयात बंद कर दिया है, और तुर्की के सेबों की बिक्री रोकी जा रही है।
- एविएशन कंपनियों पर कार्रवाई: भारत सरकार ने तुर्की की कंपनी सेलबी एविएशन की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी है, जो देश के कई हवाई अड्डों पर सेवाएं दे रही थी।
🔹 निष्कर्ष: भारत की स्पष्ट कूटनीतिक स्थिति
असदुद्दीन ओवैसी का बयान भारत की कूटनीतिक स्थिति को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। उन्होंने तुर्की को याद दिलाया कि भारत में मुसलमानों की संख्या पाकिस्तान से अधिक है, और वे यहां सम्मानपूर्वक रहते हैं। भारत और तुर्की के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंध लंबे समय से रहे हैं। ऐसे में तुर्की को पाकिस्तान का समर्थन करने से पहले गंभीरता से विचार करना चाहिए।
📌 मुख्य बिंदु:
- भारत में 22 करोड़ से अधिक मुसलमान रहते हैं, जो पाकिस्तान से ज्यादा हैं।
- ओवैसी ने तुर्की को पाकिस्तान का अंधसमर्थन न करने की सलाह दी।
- भारत और तुर्की के ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख।
- भारत में तुर्की और अज़रबैजान के खिलाफ शैक्षणिक और व्यापारिक बहिष्कार तेज।
- भारत ने तुर्की की एविएशन कंपनी की सेवाओं पर रोक लगाई।