🇮🇳 आतंकवाद के खिलाफ भारत का एकजुट संदेश
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने वैश्विक समुदाय को एक सख्त और स्पष्ट संदेश देने के लिए 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजने का फैसला किया है। इन प्रतिनिधिमंडलों का मुख्य उद्देश्य होगा:
- भारत की “आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस” की नीति को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत करना
- पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे प्रचार और झूठी सूचनाओं का खंडन करना
- प्रमुख साझेदार देशों के साथ राजनयिक संबंधों को मजबूत करना
- भारत की राष्ट्रव्यापी सहमति और एकता को दर्शाना
संसदीय कार्य मंत्रालय ने 17 मई, 2025 को एक आधिकारिक बयान जारी कर इस योजना की जानकारी दी।
🧭 कौन-कौन होंगे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सांसद?
भारत सरकार ने सभी राजनीतिक दलों से प्रभावशाली और अनुभवी सांसदों को चुना है, जो वैश्विक मंच पर भारत की बात मजबूती से रख सकें।
प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले सांसदों की सूची:
सांसद का नाम | राजनीतिक दल |
---|---|
शशि थरूर | कांग्रेस |
रवि शंकर प्रसाद | भाजपा |
संजय कुमार झा | जद (यू) |
बैजयंत पांडा | भाजपा |
कनीमोझी करुणानिधि | डीएमके |
सुप्रिया सुले | एनसीपी (शरद पवार गुट) |
श्रीकांत एकनाथ शिंदे | शिवसेना |
🔹 इनमें से 4 सांसद सत्ताधारी एनडीए से हैं
🔹 और 3 सांसद विपक्षी INDIA गठबंधन से
🌍 किन देशों में जाएंगे ये प्रतिनिधिमंडल?
हालांकि अभी अंतिम देशों की सूची घोषित नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार:
- हर प्रतिनिधिमंडल लगभग 5 देशों का दौरा करेगा
- इनमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्य देश शामिल होंगे
- उन देशों को प्राथमिकता दी जाएगी, जो भारत के रणनीतिक साझेदार हैं
हर प्रतिनिधिमंडल में एक प्रख्यात राजनयिक भी साथ होंगे, जो बातचीत को और प्रभावशाली बनाएंगे।
🔍 इस कूटनीतिक अभियान की पृष्ठभूमि क्या है?
इस बड़ी पहल की दो प्रमुख पृष्ठभूमियाँ हैं:
1. पहलगाम आतंकी हमला
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए इस हमले में कई जवान शहीद हुए, जिसने पूरे देश को झकझोर दिया।
2. ऑपरेशन सिंदूर
भारतीय सेना द्वारा चलाया गया एक सफल अभियान, जिसका उद्देश्य सीमा पार से चल रहे आतंकी नेटवर्क को खत्म करना था।
भारत अब इस कूटनीतिक कदम के जरिए दुनिया को यह बताना चाहता है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
💬 केंद्र सरकार का बयान: “राजनीति से ऊपर राष्ट्रहित”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट करते हुए कहा:
“जब राष्ट्रहित की बात आती है, भारत एकजुट होता है। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल शीघ्र ही प्रमुख देशों का दौरा करेंगे और आतंकवाद के खिलाफ भारत का साझा संदेश देंगे।”
उन्होंने इसे “राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रीय एकता” का प्रतीक बताया।
🔎 यह पहल क्यों महत्वपूर्ण है?
भारत की यह रणनीति केवल बयानबाज़ी नहीं, बल्कि एक मजबूत कूटनीतिक कदम है:
- वैश्विक स्तर पर आतंकवाद के खिलाफ नीति निर्धारण को प्रभावित करना
- पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे झूठे दावों और प्रचार को निष्प्रभावी बनाना
- भारत की वैश्विक छवि को और मजबूत करना
- आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाना
📌 निष्कर्ष: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट भारत
भारत की यह सर्वदलीय कूटनीतिक पहल न केवल एकजुटता का प्रतीक है, बल्कि यह दुनिया को एक स्पष्ट संदेश देती है —
“आतंकवाद के प्रति भारत की नीति साफ है: कोई सहानुभूति नहीं, कोई समझौता नहीं।”
विपक्ष और सत्तापक्ष को साथ लाकर, भारत ने यह साबित किया है कि जब राष्ट्रहित की बात होती है, तब राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता ही सबसे बड़ी ताकत होती है।