BY: Yoganand Shrivastva
वर्तमान वैश्विक परिदृश्य में परमाणु हथियारों को लेकर एक बार फिर हलचल तेज हो गई है। चाहे पाकिस्तान की परमाणु सुरक्षा पर उठते सवाल हों, रूस और यूरोप के बीच परमाणु तनाव हो, या फ्रांस द्वारा यूरोप को न्यूक्लियर कवच देने की योजना—हर तरफ चिंता की लकीरें गहरी हो रही हैं।
पाकिस्तान के एटम बम पर मंडराता खतरा
भारत-पाक तनाव के बीच एक बार फिर पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सवाल उठे हैं। हाल ही में भारत द्वारा दी गई सख्त सैन्य प्रतिक्रिया के बाद पाकिस्तानी आतंकी गुटों ने परमाणु हमले की धमकियां दीं, जिससे भारत सहित पूरी दुनिया सतर्क हो गई। भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि पाकिस्तान के न्यूक्लियर हथियार “असुरक्षित हाथों” में हैं और इनकी निगरानी अंतरराष्ट्रीय परमाणु एजेंसी (IAEA) को करनी चाहिए।
वैज्ञानिक लापता, आतंकी साजिशें और असुरक्षित ठिकाने
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान में पिछले कुछ महीनों से कई परमाणु वैज्ञानिकों के लापता होने की खबरें हैं। बताया गया कि आतंकवादी संगठन TTP ने हथियारों पर कब्जे की साजिश रची थी, जिसे कराची के मसरूर एयरबेस पर विफल किया गया। आशंका जताई जा रही है कि पाकिस्तान के कुछ परमाणु ठिकाने आतंकियों के निशाने पर हैं और देश के पास मौजूद करीब 130–170 एटमी हथियारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर खतरा बना हुआ है।
अमेरिका की ‘न्यूक्लियर स्नैच ऑपरेशन’ रणनीति
अमेरिका भी पाकिस्तान के न्यूक्लियर कार्यक्रम को लेकर लंबे समय से चिंतित रहा है। 2010 से लेकर अब तक कई रिपोर्ट्स में यह खुलासा हुआ कि अमेरिका के पास विशेष मिशन तैयार हैं, जिन्हें “Render Safe Mission” या “Nuclear Snatch Operation” कहा जाता है। इनका उद्देश्य ऐसे परमाणु हथियारों को कब्जे में लेना होता है जो असुरक्षित हो जाएं या आतंकवादी संगठनों के हाथ लगने का खतरा हो।
कहां-कहां स्थित हैं पाकिस्तान के परमाणु अड्डे?
- काहूटा रिसर्च लैब, रावलपिंडी
- सरगोधा एयरबेस
- मसरूर एयरबेस, कराची
- चश्मा न्यूक्लियर पॉवर प्लांट
- खुशाब प्लूटोनियम संयंत्र
इनके अलावा पाकिस्तान के पास शाहीन और हत्फ जैसी बैलिस्टिक मिसाइलें हैं, जिनकी रेंज 750–1000 किमी तक मानी जाती है।
दुनिया के अन्य परमाणु जोन जो चिंता का कारण हैं:
1. ईरान
परमाणु संवर्धन को लेकर बार-बार प्रतिबंधों के बावजूद ईरान का नाम न्यूक्लियर संकटों में शामिल रहता है।
2. उत्तर कोरिया
रह-रहकर किए जाने वाले मिसाइल परीक्षण और परमाणु हथियारों की धौंस इसे स्थायी खतरे में शामिल करते हैं।
3. रूस बनाम यूरोप
नाटो और रूस के बीच बढ़ती खाई अब परमाणु स्तर पर जा पहुंची है। हाल ही में रूस द्वारा परमाणु हथियारों को लेकर चेतावनी ने यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ा दी है।
फ्रांस की नई पहल: यूरोप के लिए न्यूक्लियर कवच
परमाणु शक्ति संपन्न फ्रांस ने यूरोप की सुरक्षा के लिए एक नई रणनीति का प्रस्ताव दिया है। फ्रांस का इरादा है कि वह पूरे यूरोप को अपने परमाणु सुरक्षा घेराबंदी में शामिल करे। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने साफ किया है कि वे यूरोपीय देशों के साथ इस दिशा में सहयोग के लिए तैयार हैं।
पाकिस्तान से लेकर रूस और उत्तर कोरिया से ईरान तक, विश्व के कई हिस्सों में परमाणु तनाव बढ़ता जा रहा है। ऐसे में IAEA, अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वे न केवल हथियारों की निगरानी बढ़ाएं, बल्कि परमाणु युद्ध के खतरे को दूर करने के लिए मिलकर रणनीति तैयार करें।