हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि पाकिस्तान के किराना हिल्स (Kirana Hills) में एक न्यूक्लियर लीक हुआ है, जिसे भारतीय वायुसेना की मिसाइल स्ट्राइक से जोड़ा जा रहा था। लेकिन अब International Atomic Energy Agency (IAEA) ने स्पष्ट रूप से इन दावों को खारिज कर दिया है।
🗣 IAEA प्रवक्ता Fredrik Dahl ने TOI को दिए ईमेल में कहा:
“IAEA को उपलब्ध जानकारी के आधार पर पाकिस्तान के किसी भी न्यूक्लियर प्लांट से कोई विकिरण नहीं लीक हुआ है।”
🛑 सोशल मीडिया पर कैसे फैली न्यूक्लियर लीक की अफवाह?
- अमेरिकी और मिस्र के एयरक्राफ्ट को पाकिस्तान के ऊपर उड़ता देख कुछ लोगों ने यह अटकलें लगाईं कि वहां कोई रेडिएशन इमरजेंसी है।
- Flight tracking प्लेटफॉर्म्स पर अमेरिकी Department of Energy से जुड़े विमान की गतिविधि देखी गई, जिसे आमतौर पर Fukushima जैसे परमाणु आपातकाल में इस्तेमाल किया जाता है।
- अफवाहें तब और तेज़ हुईं जब खबर आई कि एक मिस्र का विमान पाकिस्तान में बोरोन (Boron) लेकर आया—एक केमिकल जो रेडिएशन को काबू करने के लिए उपयोग होता है।
👉 लेकिन इन सभी दावों को पाकिस्तानी और भारतीय सैन्य अधिकारियों ने पूरी तरह नकार दिया है।
🇮🇳 भारतीय वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
✈️ एयर मार्शल AK भारती का बयान:
“हमें तो यह भी नहीं पता था कि किराना हिल्स में न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन हैं। हमने वहां कोई स्ट्राइक नहीं की।”
🏛 विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल:
“भारत की सैन्य कार्रवाई पूरी तरह पारंपरिक थी। पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी की बैठक की अफवाहें भी बाद में नकार दी गईं।”
📍 किराना हिल्स: पाकिस्तान का न्यूक्लियर हॉटस्पॉट
किराना हिल्स, पाकिस्तान के सरगोधा क्षेत्र में स्थित, देश के सबसे सुरक्षित और संवेदनशील न्यूक्लियर स्थलों में से एक माना जाता है।
किराना हिल्स से जुड़ी खास बातें:
- यह इलाका खुशाब न्यूक्लियर कॉम्प्लेक्स से सिर्फ 75 किलोमीटर दूर है।
- यहां 10 से अधिक भूमिगत सुरंगें (underground nuclear tunnels) मानी जाती हैं।
- यह पाकिस्तान की second-strike capability की रणनीति का अहम हिस्सा है।
- यह क्षेत्र सामरिक रूप से इतना महत्वपूर्ण है कि भारत-पाक संघर्ष में यह संभावित टारगेट रह सकता है।
🌍 क्या यही वजह बनी भारत-पाकिस्तान संघर्ष में सीज़फायर की?
कुछ अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों ने यह दावा किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सीज़फायर की असली वजह किराना हिल्स में हुआ न्यूक्लियर लीक है।
लेकिन IAEA, भारतीय वायुसेना और पाकिस्तान सरकार—तीनों पक्षों ने इसे नकार दिया।
🔍 इस खबर से क्या सबक मिलता है?
- सोशल मीडिया पर फैल रही अफवाहों की पुष्टि जरूरी है।
- IAEA जैसी प्रतिष्ठित एजेंसियों के आधिकारिक बयानों को ही मान्यता दें।
- भारत-पाक जैसे संवेदनशील संबंधों में ऐसी खबरें तनाव को बढ़ा सकती हैं।
✅ निष्कर्ष (Conclusion)
पाकिस्तान के किराना हिल्स में किसी भी तरह की न्यूक्लियर लीक की खबरों को IAEA, भारतीय वायुसेना और विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया है। सोशल मीडिया और flight tracking डेटा से उत्पन्न यह अफवाह अब पूरी तरह बेबुनियाद साबित हुई है।