BY: Yoganand Shrivastva
कर्नाटक एक्सप्रेस (Train No. 12628) में बम रखे होने की धमकी से यात्रियों और रेलवे प्रशासन में देर रात हड़कंप मच गया। यह घटना 11 मई की रात को उस समय सामने आई जब कलबुर्गी जिला नियंत्रण कक्ष को एक अज्ञात कॉलर ने ट्रेन में बम होने की सूचना दी। हालांकि, जांच के बाद यह धमकी झूठी साबित हुई और पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया।
📞 धमकी भरे कॉल के बाद तुरंत हरकत में आया प्रशासन
- समय: रात 1:10 बजे
- स्थान: कलबुर्गी, कर्नाटक
- कॉल की जानकारी: “कर्नाटक एक्सप्रेस में बम रखा गया है”
रेलवे सुरक्षा बल (RPF) और GRP की टीमों ने तुरंत ट्रेन को रोककर वाडी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को बाहर निकाला और पूरी ट्रेन की गहन तलाशी ली। तलाशी अभियान के दौरान कोई विस्फोटक या संदिग्ध वस्तु नहीं मिली, जिससे यात्रियों ने राहत की सांस ली।
🕵️♂️ आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी
धमकी कॉल के स्रोत का पता लगाते हुए पुलिस ने 33 वर्षीय दीप सिंह को उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया। आरोपी मजदूरी का काम करता है और पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक उसके खिलाफ पहले कोई बड़ा आपराधिक इतिहास नहीं था।
⚖️ इन धाराओं में दर्ज हुआ केस
दीप सिंह पर BNS (भारतीय न्याय संहिता) की इन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया:
- धारा 351(4): मिथ्या खतरे की सूचना देना
- धारा 353(1)(बी): लोक सेवक को कर्तव्य निर्वहन से रोकने के लिए धमकी या हमला करना
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या दीप सिंह का किसी संगठित साजिश से कोई संबंध है या उसने यह हरकत महज़ मज़ाक या मानसिक अस्थिरता के चलते की।
😨 फर्जी धमकी के गंभीर परिणाम
इस तरह की झूठी धमकियाँ न केवल सार्वजनिक सुरक्षा और संसाधनों की बर्बादी का कारण बनती हैं, बल्कि आम जनता में दहशत और अव्यवस्था भी फैलाती हैं। रेलवे और सुरक्षा एजेंसियों को इससे अतिरिक्त तनाव का सामना करना पड़ता है।
🧠 क्या थी आरोपी की मंशा?
प्रारंभिक पूछताछ में दीप सिंह ने स्वीकार किया कि उसने जानबूझकर दहशत फैलाने के उद्देश्य से कॉल किया था। हालांकि, पुलिस अब उसकी मानसिक स्थिति, पृष्ठभूमि और कॉल करने की वास्तविक वजह जानने के लिए मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञों की मदद भी ले रही है।





