गर्मी से निपटने के लिए जालोर प्रशासन की तैयारी
राजस्थान के जालोर जिले में भीषण गर्मी और हीटवेव की चेतावनी के बीच प्रशासन ने श्रमिकों की सुरक्षा के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने जिले में यलो अलर्ट जारी करते हुए अगले कुछ दिनों में तापमान और बढ़ने की आशंका जताई है। इसके मद्देनजर, श्रम विभाग ने नरेगा सहित सभी मजदूरों के लिए विशेष सुरक्षा उपायों की घोषणा की है।
क्या बदला?
- नरेगा कार्यों का नया समय:
- अब मजदूर सुबह 6 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही काम करेंगे।
- यह व्यवस्था 15 जुलाई तक लागू रहेगी।
- अगर कोई समूह समय से पहले काम पूरा कर लेता है, तो वे मस्टर रोल पर माप और प्रमुख के हस्ताक्षर के बाद कार्यस्थल छोड़ सकते हैं।
- श्रमिकों के लिए जरूरी सुविधाएं:
- छाया और पानी: दोपहर 11 बजे से शाम 5 बजे तक छाया और ठंडे पानी की व्यवस्था अनिवार्य।
- विश्राम का समय: जरूरत पड़ने पर मजदूरों को ब्रेक देना होगा।
- आपातकालीन चिकित्सा: किसी भी स्वास्थ्य समस्या की स्थिति में नजदीकी अस्पताल से तुरंत संपर्क करने के निर्देश।

क्यों जरूरी हैं ये कदम?
- राजस्थान में लू (हीटवेव) के मामले आम हैं, जो जानलेवा भी हो सकते हैं।
- पिछले कुछ सालों में अत्यधिक गर्मी से हुई मौतों के बाद सरकार ने श्रमिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
- नरेगा मजदूर अक्सर खुले में काम करते हैं, जिससे उन्हें डिहाइड्रेशन, हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
प्रशासन की अपील
जिला कलेक्टर डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने कहा कि सभी नियोक्ताओं और ठेकेदारों को इन नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। उन्होंने कहा, “श्रमिकों की सेहत हमारी पहली प्राथमिकता है। अगर कोई इन नियमों को तोड़ता है, तो कार्रवाई की जाएगी।”
ध्रुव राठी स्टाइल में विश्लेषण
ये नियम सिर्फ कागजी खानापूर्ति नहीं हैं, बल्कि एक बड़ी सच्चाई को उजागर करते हैं: भारत में मजदूरों के काम करने की स्थितियाँ अभी भी चुनौतीपूर्ण हैं। गर्मी, बारिश या सर्दी—मजदूरों को हर मौसम में काम करना पड़ता है, लेकिन उनकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त इंतजाम अक्सर नहीं होते।
- सवाल: क्या सिर्फ समय बदल देने से समस्या हल हो जाएगी?
- जवाब: नहीं। जरूरत इस बात की है कि ठेकेदार और सरकारी अधिकारी इन नियमों को ईमानदारी से लागू करें।
क्या आपको पता है?
- हीटवेव की परिभाषा: जब तापमान सामान्य से 4.5°C अधिक हो और 45°C के पार पहुँच जाए, तो उसे हीटवेव माना जाता है।
- राजस्थान में हीटवेव: राज्य के कई हिस्सों में मई-जून में तापमान 48°C तक पहुँच जाता है।
निष्कर्ष: जालोर प्रशासन का यह कदम सराहनीय है, लेकिन असली परीक्षा इस बात की होगी कि ये नियम जमीन पर कितने लागू होते हैं। अगर ऐसा होता है, तो न सिर्फ मजदूरों की जिंदगी सुरक्षित होगी, बल्कि यह अन्य जिलों के लिए भी एक मिसाल बनेगा।
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