भोपाल: मध्य प्रदेश के मऊगंज जिले में एक भीड़ हमले में पुलिस उप-निरीक्षक (एएसआई) की मौत के बाद सरकार ने जिले के कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक (एसपी) को तबादला कर दिया है। यह फैसला मंगलवार रात को लिया गया।
क्या हुआ था?
15 मार्च को गदरा गांव में एक आदिवासी समूह ने एक व्यक्ति का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। जब पुलिस उसे बचाने पहुंची, तो भीड़ ने उन पर हमला कर दिया। इस हमले में एएसआई रामचरण गौतम की मौत हो गई। गदरा गांव जिला मुख्यालय से करीब 25 किमी दूर है।

तबादले का आदेश:
- मऊगंज की एसपी रसना ठाकुर को बदलकर भोपाल पुलिस मुख्यालय में सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) बना दिया गया है।
- उनकी जगह आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) के एसपी दिलीप कुमार सोनी को मऊगंज का नया एसपी बनाया गया है।
- कलेक्टर अजय श्रीवास्तव को भी हटाकर उनकी जगह डिप्टी सेक्रेटरी संजय कुमार जैन को नया कलेक्टर नियुक्त किया गया है।
हादसे की पूरी कहानी:
गदरा गांव में कोल आदिवासी समुदाय के लोगों ने सनी द्विवेदी का अपहरण कर लिया। उन पर आरोप था कि वह एक आदिवासी व्यक्ति अशोक कुमार की मौत के लिए जिम्मेदार हैं। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, अशोक कुमार की मौत सड़क हादसे में हुई थी, लेकिन आदिवासी समुदाय को लगा कि सनी द्विवेदी इसके लिए जिम्मेदार हैं।
जब पुलिस को सनी के अपहरण की सूचना मिली, तो शाहपुर थाने के एसएचओ संदीप भारतीय की अगुवाई में एक टीम गदरा गांव पहुंची। हालांकि, पुलिस के पहुंचने तक सनी को पीट-पीटकर मार डाला गया था। जब पुलिस ने उसे बचाने की कोशिश की, तो आदिवासियों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से उन पर हमला कर दिया।
एएसआई रामचरण गौतम की मौत:
इस हमले में एएसआई रामचरण गौतम बुरी तरह घायल हो गए और बाद में उनकी मौत हो गई। कई अन्य अधिकारी भी घायल हुए और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
निष्कर्ष:
यह घटना मध्य प्रदेश में कानून-व्यवस्था की गंभीर चुनौतियों को उजागर करती है। सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जिले के शीर्ष अधिकारियों को बदल दिया है। अब यह देखना होगा कि नए अधिकारी कैसे स्थिति को संभालते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।
महत्वपूर्ण बिंदु:
- एएसआई रामचरण गौतम की मौत भीड़ हमले में हुई।
- मऊगंज के एसपी और कलेक्टर को तबादला कर दिया गया।
- आदिवासी समुदाय ने सनी द्विवेदी को अशोक कुमार की मौत का जिम्मेदार ठहराया।
- पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी ताकि भीड़ को तितर-बितर किया जा सके।
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